ईटें, मनके तथा अस्थियाँ-हड़प्पा सभ्यता, facts about harappa cibilization
हड़प्पा सभ्यता
1.सिंधु घाटी की सभ्यता की खोज कब और किसने की ?
ans. सिंधु घाटी की सभ्यता की खोज 1922-23 में श्री दयाराम साहनी तथा राखल दास बनर्जी ने की |परंतु इस खोज की घोषणा 1924 में जॉन मार्शल ने की |
2.हड़प्पा अथवा सिंधु घाटी सभ्यता की मुरहो की संक्षिप्त जानकारी दीजिए |
ans.मुहरे हड़प्पा सभ्यता की सबसे विशिष्ट वस्तुए मानी जाती है |ये सेलखडीनामक पथर से बनी हुई है |इन पर प्राय: जानवरों के चित्र तथा एक ऐसी लिपि के चिह्न खुदे हुए है अभी तक पढ़ा नही जा सका हैइनका प्रयोग लम्बी दुरी के सम्पर्को को सुविधा जनक बनाने के लिए होता था |
3.हड़प्पा -पूर्व की बस्तियों की क्या विशेषताए थी ?कोई तीन लिखिए |
ans.(1)हड़प्पा -पूर्व की बस्तियां प्राय :छोटी होती थी और इनमे बड़ी सरचनाए नाम मात्र ही थी |
(2)इनकी अपनी विशिष्ट मृदभांड शैली थी |
(3)इनमे कृषि तथा पशुपालन भी प्रचलित था|लोग शिल्पकारी भी करते थे |
4.हड़प्पा सभ्यता में सिचाई के लिए नेहरों के अवशेष कहा से मिले है ?सिंचाई के अन्य साधन कौन -कौन -से थे ?
ans. हड़प्पा सभ्यता में सिंचाई के लिए नेहरों के अवशेष अफगानिस्तान में शोर्तुघई नामक पुरास्थल से मिले है |सिंचाई के अन्य साधन थे –
- कुओं से प्राप्त जल.
- जलाशयों में एकत्रित जल.
- सिंधु घाटी सभ्यता (हड़प्पा) का सबसे पहले खोजा गया स्थल कौन सा था ? इसकी दुर्दशा का क्या कारण था ?
उत्तर:- हडप्पा सभ्यता का सबसे पहले खोजा गया स्थल हड़प्पा ही था. इसकी दुर्दशा काकारण था ईंटो की चोरी इट चोरो ने इससे बुरी तरह से नष्ट कर दिया था is चोरी के कारण इस स्थल की कई प्राचीन सरंचनाये नष्ट कर दी गयी थी.
- हडप्पा सभ्यता के लोग मृतकों का संस्कार किस प्रकार से करते थे ?
उतर:- हडप्पा सभ्यता के लोग मृतकों को दफनाते थे. शवो केसाथ कुछ आवश्यक वस्तुएं भी रखी जाती थी.
- धौलाविरा कहाँ स्थित है? इसकी खोज कब और किसने की?
उत्तर:- धौलावीरा गुजरात राज्य में स्थित है. इसकी खोज 1990 में आर एस विष्ट ने की .
- कालीबंगन क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर:- कालीबंगन राज्यस्थान में स्थित हड़प्पा संस्कृति का पूरा स्थल है. यहाँ पर जूते हुए खेत का साक्ष्य मिला है. is खेत में हल रेखाओं के दो समूह एक दुसरे को समकोण पर काटते हुए दिखाई देते है जो यह दर्शाते है कि खेत में एक साथ दो अलग- अलग फसले उगाई जाती थी.
- हड़प्पा संस्कृती के लोगो के सामाजिक जीवन का वर्णन कीजिये?
उत्तर:- हड़प्पा संस्कृति के लोगों का सामाजिक जीवन बहुत उन्नत अथवा प्रगतिशील था उस समय समाज की प्रमुख इकाई परिवार थी. उस समय परिवार संयुक्त होते थे. उस समय समाज में स्त्रियों का बहुत सामान किया जाता था. उस समय के लोग शाकाहारी एवं मासाहारी दोनों प्रकार का भोजन खाते थे. वे सुती एवं ऊनी वस्त्र धारण करते थे. उस समय समय स्त्रीयां एवं पुरुष दोनों ही आभूषनों के बहुत शौक़ीन थे. वे विभिन्न साधनों से अपना मनोरंजन करते थे.
- हड़प्पा लिपि के वारे में आप क्या जानते है ?
उत्तर:- हड़प्पा सभ्यता के लोग लिखने की कला से परिचित थे उनकी लिपि चित्रमयी थी. इस लिपि के वर्णों की कुल संख्या लगभग 400 है. हर वर्ण किसी ध्वनी या भाव का सूचक है.यह लिपि अधिकतर मुहरों, वर्तनों, पट्टियों तथा दीवारों पर लिखी हुई मिली है. यह लिपि अधिकतर दाएं से वाई ओर लिखी गयी है. इस लिपि को अभी तक विद्वान पढने में असफल रहे है. इस कारण इस लिपि को रहस्यमय लिपि के नाम से भी जाना जाता है. is लिपि को पढने के पशचात हड़प्पा सभ्यता से संवन्धित अनेक नये तथ्य हमारे सामने आयेगे.
- हड़प्पा सभ्यता के पतन के क्या कारण थे?
अथ्वा
हड़प्पा सभ्यता के पतन के मुख्य कारण क्या थे?
अथ्वा
सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के तीन कारण लिखिए?
उत्तर:- हड़प्पा सभ्यता का पतन क्यों हुआ इस संबंध में इतिहासकारों में बहुत मतभेद है. कुछ इतिहासकारों का मत है कि इस सभ्यता का पतन बहुत समय तकवर्षा न होने तथा सुखा पड़ने के कारण हुआ. कुछ अन्य इतिहासकारों के विचारानुसार बार-2 आने बाले भयानक भूकंपों के कारण हड़प्पा सभ्यता का सर्वनाश हो गया. कुछ एक इतिहासकारों का यह विश्वास है कि सभ्यता का पतन संक्रामक रोग फ़ैल जाने के कारण हुआ इनेक इतिहासकार इस सभ्यता का अंत आर्यों के आक्रमण को मानते है.
- अलेइक्जैन्डर कनिंघम कौन था? हड़प्पा सभ्यता की खोज में उसका क्या योगदान रहा है?
उत्तर:- अलेइक्जैन्डर कनिंघम भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के प्रथम डायरेक्टर जनरल थे वह इस पद पर 1862 ई. में नियुक्त हुए थे उन्हें भारतीय पुरातत्व का जनक भी कहा जाता है. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अनेक स्थलों में पुरातात्विक उत्खनन का कार्य आरंभ किया कनिंघम ने अपने सर्वेक्षणों के दौरान मिले अभिलेखों को एकत्र किया एवं उनका अनुवाद भी किया . उसने उत्खनन के दौरान ऐसी पुरावस्तुओं को खोजने का प्रयास किया जो उनके विचारानुसार विशेष सांस्कृतिक महत्त्व की थी यद्यपि अलेइक्जैन्डर कनिंघम ने हड़प्पा काल की कुछ वस्तुएं प्राप्त अवश्य की थी किन्तु इनका ठीक काल निर्धारण नहीं कर पाए.
- हड़प्पा सभ्यता की मुख्य देने क्या -2 थी ?
उत्तर:- हालाँकि हड़प्पा सभ्यता विलुप्त हो चुकी है किन्तु उसका प्रभाव आज भी जीवन के विभिन क्षेत्र में देखने को मिलता है. इस सभ्यता से हमने योजनावध नगर निर्माण, चौड़ी तथा खुली सड़कों, गलियां, वनाने का ढंग, सड़कों पर परकाश की व्यवस्था, आभूषन, मुहरे, मूर्तियाँ तथा बच्चों के खिलोने बनाने की कला ढंग सिखा है. उस समय पूजे जाने बाले देवी देवताओं जैसे कि देवी माँ , शिवजी, अग्नि, जल, सूर्य, वृक्षों तथा नाग आदि की पूजा आज भी हिन्दू धर्म में की जाती है.