चयन किसे कहते है? चयन की समस्या के कारण?

चयन किसे कहते है? चयन की समस्या के कारण?

क्यू. चयन किसे कहते है ? इसकी समस्या कैसे उत्पन्न होती है ?

उत्तर :- उपलब्ध सीमित विकल्पों में से चुनने की प्रक्रिया को चयन कहते है इसकी समस्या निम्न प्रकार से उत्पन होती है:-
1.आवश्यकताए असीमित है |
2.साधन दुर्लभ है |
3.साधनों के वैकल्पिक प्रयोग होते है |

 क्यू.  दुर्लभता किसे कहते है ?

उत्तर :- यह वह सिथति होती है .जिसमे साधनों की पूर्ति उनकी मांग से कम होती है |

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क्यू. दुर्लभता और चयन को अलग नही किया जा सकता व्य्वाख्या करे ?

उत्तर :- यह निम्न प्रकार से है :-

1.उपभोक्ता के स्तर पर :-दुर्लभता का अर्थ होता है |सीमित आय जवकि चयन का अर्थ होता है |उस सीमित आय का इस प्रकार से बंटवारा करना की हमारी ज्यादा से ज्यादा आवश्यकतायों की संतुष्टि हो सके |

2.उत्पादक के स्तर पर :-इसमे दुर्लभता का अर्थ है उत्पादन के सीमित साधन और चयन का अर्थ है |उन सीमित साधनों का इस प्रकार से बटवारा करना की हमारी ज्यादा से ज्यादा आवश्कताओं की संतुष्टि हो सके |

3.राष्ट्रिय स्तर पर :-दुर्लभता का अर्थ होता है सीमित राष्ट्रिय आय का साधन जबकि चयन का अर्थ होता है उन सीमित राष्ट्रिय साधनों का इस प्रकार बंटवारा करना की हमारी अधिक से अधिक आवश्कताओं की संतुष्टि हो सके |

4.अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर :-दुर्लभता का अर्थ है सीमित अन्तर्राष्ट्रीय साधन एवं चयन का अर्थ है कि साधनों का इस प्रकार से प्रयोग करना जिससे अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के अधिकतम लाभ प्राप्त हो |

सक्षेप में ,

1.दुर्लभता के कारण चयन होता है |

2.चयन से अभिप्राय है निर्णय लेने की प्रक्रिया |

3.निर्णय लेने की प्रक्रिया का सम्बध है सीमित साधनों के इस प्रकार के प्रयोग किये जाने से है |

क्यू. अर्थशास्त्र की विषय सामग्री या विषय वस्तु किसे कहते है ?

उत्तर :- अर्थशास्त्र की विषय –सामग्री वह होती है |जिसके अंतर्गत उन सभी आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है |जो असीमित आवश्कताओं और सीमित साधनों के कारण उत्पन्न होती है.

क्यू. आर्थिक क्रिया किसे कहते है यह कितने प्रकार की होती है व्याख्या करे ?

आर्थिक क्रिया:-

आर्थिक क्रिया वह क्रिया होती है जिसका सम्वन्ध उन सभी वस्तुओ के उत्पादन, उपभोग तथा निवेश से होता है जिसमे उपयोगिता होती है. और दुर्लभता होती है. ये क्रियाये निम्न प्रकार की होती है:-

1.उप्तादन:- उत्पादन वह आर्थिक क्रिया है जिसका संवंध वस्तुओ तथा सेवाओ की उपयोगिता या मूल्य में वृद्धि  करने से है बिस्कुट बनाने की क्रिया उत्पादन है. नदी के किनारे से वालू को शहर में ले जाकर बेचना भी उत्पादन है. उत्पादन के चार मुख्य साधन है.(i) भूमि. (ii)श्रम.(iii)पूंजी तथा (IV) उद्यमी.

2.उपभोग:- यह वह आर्थिक क्रिया है जिसका सम्वन्ध, यक्तिगत तथा सामूहिक आवश्कताओं की प्रत्यक्ष सतुष्टि के लिए वस्तुओं तथा सेवाओ की उपयोगिता के उपभोग से है कपड़ा पहनना, रोटी खाना, डा. की सेवाएँ आदि क्रियाएँ उपभोग है.

3.निवेश:- निवेश वह आर्थिक क्रिया है जिसका सम्वन्ध भविष्य में वस्तुओ तथा सेवाओ के उत्पादन के लिए पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन से है. निवेश द्वारा मनुष्य की आवश्कताए अप्रत्यक्ष रूप से संतुष्ट होती है उदाहरण के लिए: कपड़े सिने की सिलाई माशिम का उत्पादन निवेश है यह कमीजो की सिलाई करके मनुष्य की आवश्यकताओ को अप्रत्यक्ष रूप से संतुष्ट करती है.

विनिमय:- विनिमय वह क्रिया है जिसका संबध किसी वस्तु या उत्पादन के साधन के क्रय-विक्रय से है इनका क्रय-विक्रय अधिकतर मुद्रा द्वारा किया जाता है इस क्रिया को कीमत निर्धारण भी कहा जाता है. कीमत निर्धारण को दो भागो में बनता गया है.

(i) वस्तु कीमत निर्धारण:- इसका संवंध बाजार की विभिन्न दशाओ जैसे:  पूर्ण प्रतियोगिता, एकाधिकार, अपूर्ण प्रतियोगिता में वस्तुओ की कीमत के निर्धारण से है.

(ii) साधन कीमत निर्धारण:- इसका सम्वन्ध उत्पादन के साधनों की कीमत अर्थात् भूमि की कीमत लगान, श्रम की कीमत, मजदूरी, पूंजी की कीमत- व्याज तथा उद्यमी को प्राप्त होने वाले लाभ के निर्धारण से है.इस क्रिया को वितरण ही कहा जाता है. प्रो.चैपमेन ने इस संवध में ठीक ही कहा है कि “अर्थशास्त्र, ज्ञान की वह शाखा है जो धन के उपभोग, उत्पादन, विनिमय तथा वितरण का अधयन्न करती है.”

क्यू. आर्थिक क्रिया के व्यष्टि तथा समष्टि स्तर का वर्णन करे?

उत्तर:- आर्थिक क्रिया का व्यष्टि तथा समष्टि स्तर:-

व्यष्टि अर्थशास्त्र :-

अंग्रेज़ी भाषा में व्यष्टि को ‘micro ,कहा जाता है |अंग्रेजी भाषा का यह शब्द ग्रीक भाषा के शब्द mikros से लिया गया है जिसका अर्थ है छोटा व्यष्टि –अर्थशास्त्र केवल एक आर्थिक इकाई की आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन करता है ,जैसे एक व्यक्तिगत गृहस्त की नमक के लिए मांग ,अथवा कुछ आर्थिकइकाईयों के छोटे से समूह जैसे बाजार की नमक के लिए मांग |अतएव व्यष्टि –अर्थशास्त्र में हम व्यक्तिगत इकाईयों जैसे एक उपभोक्ता ,एक फर्म एक उद्योग की आर्थिक क्रियाओं तथा किसी एक विशिष्ट वस्तु के मूल्य का अध्ययन करते है |

व्यष्टि –अर्थशास्त्र में हम समूहों का भी अध्ययन करते है |जैसे एक बाजार मांग वक्र जो व्यक्तिगत मांग वक्रो का जोड़ है |परन्तु इसके अंतर्गत हम राष्ट्रिय स्तर या बड़े समूहों का अध्ययन नही करते |व्यष्टि –अर्थशास्त्र कुल उत्पादन की रचना तथा बंटवारे का अध्ययन करता है |प्रो. वोल्डिंग के अनुसार ,”व्यष्टि –अर्थशास्त्र में एक फर्म ,एक गृहस्त ,व्यक्क्तिगत कीमत ,मजदूरी ,आय ,उद्द्योग तथा वस्तु का  अधयन्न किया जाता है.”

समष्टि अर्थशास्त्र:-

समष्टि को अंग्रेजी भाषा में “micro” कहा जाता है. अंग्रेजी भाषा का यह शब्द ग्रीक भाषा के शब्द makros से लिया गया है, जिसका अर्थ है. बड़ा यह सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के स्तर पर आर्थिक क्रियाओं का अधयन्न करता है. जैसे राष्ट्रिय आय, पूर्ण रोजगार. सामान्य किमत स्तर, सामूहिक मांग, समुहीक पूर्ति इत्यादी.

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