अम्ल क्षारक एवं लवण-NCERT Solutions in Hindi

अम्ल क्षारक एवं लवण-NCERT Solutions in Hindi

अम्ल क्षारक एवं लवण की कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएँ:-


1.गांधिय सूचक:-

जो पदार्थ अपनी गंद से अम्लीय या क्षारीय मध्यम में बदल जाते है उन्हें गंधीय सूचक कहते है.

2.अम्ल:-

वे यौगिक जीनके पास एक या एक से अधिक हाइड्रोजन परमाणु होते है और जो जलीय घोल में धन आवेशित आयन (H3O+) उत्पन्न करतेहै उन्हें अम्ल कहते है ये स्वाद में खट्टे होते है.

3.आयनिकरण :-

वह क्रिया जिसमे कोई अम्ल जल में घुल कर आयन बनता है उसे आयनीकरण कहते है .

4.कार्वनिक अम्ल :- जिन अम्लो को प्राय पौधों से प्राप्त किया जाता है उन्हें आर्गेनिक अम्ल कहते है.

5.अकार्वनिक अम्ल:- वे अम्ल जिन्हें खनिजो से प्राप्त किया जाता है उन्हे अकर्वनिक अम्ल कहा जाता है.

6.अम्ल की क्षारकता:- एक अणु अमल के जलीय घोल में पूर्ण रूप से आय्निकर्ण के द्वारा उत्पन्न हाइड्रोयिनम आयनों [H+] की संख्या को अम्ल की क्षारकता कहते है.

7.सान्द्र अम्ल:- अम्ल के जिस नमूने में जल बहुत कम मात्रा में या नही के बराबर होता है उसे संधर अम्ल कहते है.

8.तनु अम्ल:- अम्ल के जिस नमूने मी जल की मात्रा अम्ल की मात्रा से अधिक होती है उसे तनु अम्ल कहते है.

9. क्षारक :- क्षारक उन यौगिको को कहते है जो धात्विक ऑक्साइड या धात्विक हाइड्रोऑक्साइड या जलीय अमोनिया हो और वे अम्लो के हाइड्रोयिनम आयन (H3O+) के साथ मीलकर लवण और जल उत्पन करते है.

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10. उदासीनीकरण:- अम्ल और क्षारक की अभिक्रियता के परिणामस्वरूप लवण तथा जल प्राप्त होते है जिसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते है |

11. क्षारकीय आक्साइड:- कोई धात्विक आक्साइड ही क्षारकीय आक्साइड कहलाता है यदि उस में O2- आयन हो तो वह अमल से क्रिया कर लवण और जल उत्पन्न करता है |

13. क्षार :- जो बेसिक हाइड्रोक्स जल में घुल कर हाइड्रक्सयल (OH-)आयन बनाते है उन्हें क्षार कहतें है |

14. वैशिवक सूचक :- विभिन्न जेविक रंगो का वह मिश्रण जो विभिन्न pH घोलो के साथ विभिन्न रंग प्रकट करता है उसे वैशिवक सूचक कहते है|

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15. प्रबल अम्ल:-वे अम्ल जो पानी में मिलने से पूरी तरह H+ आयनों और ऋणात्मक आयनों में बदल जाते है,उन्हें प्रबल अम्ल कहते है |इन में साम्य स्थापना नही होती |

16. दुर्वल अम्ल :- वे अम्ल जो पानी में मिलने से पूरी तरह H+ आयनों और ऋणात्मक आयनों में नही बदलते उन्हें दुर्वल अम्ल कहते है |इन में आयनों तथा अवियोजित अणुओं के बिच साम्य स्थापित्त हो जाता है |

17. वियोजन :-जव एक अणु या आयनिक यौगिक का दो या दो से अधिक परमाणु या आयनों में विभाजन हो जाता है तो उसे वियोजन कहते है |

18. रासायनिक वियोजन:- जिस अभिक्रिया में किसी यौगिक का अणु टूट कर परमाणु आयन बनाता है,उसे रासायनिक वियोजन कहते है |18.क्रिस्टलन जल:- वह जल जो किसी पदार्थ के क्रिस्टलों में उपस्थित होता है,उसे क्रिस्टलन जल कहते है जैसे FeSO4.7H2O,AI2O3.2H2O,CuSO4.5H2O,Na2CO 3.10H2O .

19. उत्फुल्लन :-क्रिस्टलन जल के वायु में मुक्त होने की प्रक्रिया को उत्त्फुल्लन कहते है |

20. प्रस्वेदी:- जो वायुमंडल की नमी को सोख कर पसीज जाते है,उन्हें प्रस्वेदी कहते है |

21. तनुकरण:-जल में अम्ल या क्षारक मिलाने पर आयन की सांद्रता (H3O+/OH )में प्रति इकाई आयतन में कमी हो जाती है |इसे तनुकरण कहते है |

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