कालिंग के युद्ध का अशोक पर क्या प्रभाव पड़ा ? what was the impact of kalingas war on ashoka

कालिंग के युद्ध का अशोक पर क्या प्रभाव पड़ा ? what was the impact of kalingas war on ashoka

1.कालिंग के युद्ध का अशोक पर क्या प्रभाव पड़ा ?

अथवा

अशोक की कलिंग विजय का उसके निजी जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा ?

अथवा

कलिंग का युद्ध किस प्रकार अशोक के जीवन में एक परिवर्तनकारी मोड़ प्रभावित हुआ ?

उत्त्तर :-(1)अशोक के युद्ध निति का सदा के लिए त्याग कर दिया |

(2)अशोक ने धम्म की स्थापना की एव इसका प्रसार किया |

(3)अशोक कलिंग युद्ध से इतना प्रभावित हुआ कि उसने बौद्ध धर्म को अपना लिया |

उसने अपने अथक प्रयासों से इसे विशव का एक लोकप्रिय धर्म बना दिया |

(4)अशोक ने कलिंग युद्ध के पश्चात् अपना सम्पूर्ण जीवक लोग भलाई कार्यो में लगा दिया |

(5)अशोक ने शिकार खेलना एवं मांस खाना बंद कर दिया |

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2.अशोक की महानता के क्या कारण थे ?

उत्तर :- अशोक ने एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की.उसने एक उच्कोटी का शासन प्रवंध लागू किया.इसका प्रमुख उद्देश्य प्रजा का कल्याण करना था.उसने विभिन्न धर्मो के लोगो में एकता स्थापित करने के लिए धम्म की स्थापना की.इसमे सभी प्रमुख धर्मो के अछे सिद्धांतो को समिलित किया गया था उसने बौद्ध धर्म का न केवल भारत में ही बल्कि विदेशो में भी प्रचार किया.उसके शासन काल में कला,शिक्षा तथा साहित्य के क्षेत्रो में अद्वितीय प्रगति हुई.उसने युद्धों को सदा के लिए त्याग दिया.उसने पड़ोसी राज्यों से मैत्रीपूर्ण सम्वन्ध स्थापित किए |

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3.सातवाहन कौन थे ?

उत्तर :- सातवाहन कौन था ? इसके सम्बध में इतिहासकारो में मतभेद है | इनका सम्बध आध्र वंश की एक जाति से था| वे स्वयं को ब्राह्मण कहलाते थे | पुराणों में सातवाहन और आंध्र के नाम साथ-साथ दिए गए है | इसलिए विद्वानों का विचार है कि ये दोनों एक ही जाति के नाम थे | सातवाहनो को आंध्रभृत्य भी कहा जाता था|

क्योंकि इनके पूर्वज पहले आंध्र शासको अर्थात् मौर्यों के अधीन सामंत थे | मौर्य वंश के पतन के पशचात सातवाहन शासको ने आंध्र प्रदेश में अपनी स्वतन्त्रता की घोषणा कर दी |

4.गौतमी-पुत सातकनि क्यों प्रसिद्ध था ?

उत्तर :- गौतमी-पुत सातकनि सातवाहन वंश का सबसे विख्यात और शक्तिशाली शासक था.उसने 106 ई.से 130 ई.तक शासन किया.नासिक शिलालेख से ज्ञात होता है कि उसने शक,यवन और पहलव की शक्ति का दमन किया.उसमे मालवा के शक्तिशाली शासक नहपान को भी कड़ी पराजय दी.उसके साम्राज्य में गुजरात,महाराष्ट्र,मालवा,विदर्भ,कोकण,पूना और नासिक के प्रदेश सम्मिलित थे.

वह न केवल एक महान योद्धा था,बल्कि एक अच्छा शासन-प्रवन्धक भी था.उसकी शासन व्यवस्था का मुख्य उदेश्य प्रजा का कल्याण करना था.यह धर्म-शास्त्रों के सिद्धांतो पर आधारित था.इस प्रकार इसने सातवाहन वंश के गौरव को पुनजिर्वित किया |

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5.कनिष्क की चीन विजय का वर्णन कीजिए ?

उत्तर :- कनिष्क एक महान विजेता था.उसने अपने एक राजदूत के द्वारा चीन के शासक हो-ती को यह संदेश भेजा की वह अपनी पुत्री का विबाह उससे कर दे.चीन के शासक ने इसे अपना अपमान समझ कर राजदूत को बंदी वना लिया.परिणामस्वरूप कनिष्क ने एक विशाल सेना चीन पर आक्रमण करने के लिए भेजी.

चीनी सेनापति पन-चाओ ने इस सेना को कड़ी पराजय दी.पन -चाओ की मृत्यु के पशचात कनिष्क ने एक बार फिर चीन पर आक्रमण कर दिया.इस बार चीन को पराजय का सामना करना पड़ा तथा उसको खोतान,यारकंद एवं काश्गर नामक क्षेत्रोँ पर कनिष्क का अधीकार स्वीकार करना पड़ा |

6.गुप्त साम्राज्य की स्थापना किस प्रकार हुई ?

उत्तर :- गुप्त वंश की स्थापना श्री गुप्त ने की थी.उसने मगध पर 275 ई.से 300 ई.तक शासन किया.उसकी मृत्यु के पशचात उसके पुत्र घटोत्कच ने शासन कीया.यह बात विशेष ध्यान देने  योग्य है कि ये दोनों शासक अधिनस्थ शासक के रूप में कार्य कर रहे थे.घटोत्कच का पुत्र चंद्रगुप्त प्रथम 320 ई.में सिहांसन पर बैठा.उसने अपनी स्वतन्त्रता की घोषणा कर दी और महाराजाधिराज की उपाधि धारण की.उसने गुप्त संवत् भी चलाया.

उसने लिच्छवी वंश की राजकुमारी कुमारदेवी से विवाह करके अपनी शक्ति को काफी सुदृढ़ किया.उसने मगध के अतिरिक्त बंगाल,बिहार,अवध तथा इलहावाद के क्षेत्रो को भी अपने अधीकार में किया.इन कारणों से चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है |

7.समुद्रगुप्त कौन था ?

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उत्तर :- समुद्रगुप्त गुप्त वंश का एक महान शासक था.उसने 335 ई.से 375 ई.तक शासन किया.उसने उतरी भारत में 9 शासको तथा दक्षिणी भारत में 12 शासको को पराजित किया.उसने मध्य भारत तथा उड़ीसा की जंगली जातियों पर भी विजय प्राप्त की.उसकी अनेक गनतंत्र जातियों तथा सीमांत शासको ने अधीनता स्वीकार कर ली थी.वह एक सहन शील तथा दानी शासक था.उसे कला तथा साहित्य से बहुत प्रेम था.वह एक महान संगीतकार भी था.उसे भारतीय नेपोलियन के नाम से भी जाना जाता है |

8.समुद्रगुप्त को भारतीय नेपोलियन क्यों कहा जाता है ?

उत्तर :- समुद्रगुप्त की विजयो को देखते हुए डॉ.वी.ए.सिम्थ ने उसे भारतीय नेपोलियन की उपाधि दी है.नेपोलियन फ़्रांस का एक महान शासक था.उसने बहुत से देशों को अपने अधीन कर लिया था,परंतु उसका साम्राज्य 1815 ई.में वाटरलू के युद्ध में पराजय के पशचात उसकी आँखों के सामने ही खंडित हो गया.

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