हिमाचल प्रदेश जल विद्युत परियोजनाएं | Hydro Power Project in Himachal Pradesh All Exam Online

हिमाचल प्रदेश जल विद्युत परियोजनाएं | Hydro Power Project in Himachal Pradesh

हिमाचल प्रदेश जल विद्युत परियोजनाएं | Hydro Power Project in Himachal Pradesh | हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाएँ:-

HP GK, Himachal Pradesh General Knowledge GK in Hindi
HP GK, Himachal Pradesh General Knowledge GK in Hindi | Hydro Power Project in Himachal Pradesh

हिमाचल प्रदेश अपने पनबिजली संसाधनों में बेहद समृद्ध है। भारत की कुल जल विद्युत क्षमता का लगभग पच्चीस प्रतिशत भाग हिमाचल प्रदेश में विद्यमान है। पांच बारहमासी नदी घाटियों पर विभिन्न जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण से राज्य में लगभग 27,436 मेगावाट पनबिजली पैदा हो सकती है। राज्य की कुल पनबिजली क्षमता में से, 10,519 मेगावाट का दोहन अभी तक किया जा रहा है, जिसमें से केवल 7.6% हिमाचल प्रदेश सरकार के नियंत्रण में है, जबकि शेष क्षमता का दोहन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। राज्य सरकार इसके विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है, क्योंकि पनबिजली उत्पादन उद्योग, कृषि और ग्रामीण विद्युतीकरण के लिए बिजली की बढ़ती आवश्यकता को पूरा कर सकता है। यह राज्य की आय का सबसे बड़ा स्रोत भी है क्योंकि यह अन्य राज्यों को बिजली प्रदान करता है।

हिमाचल में अधिशेष बिजली उत्पन्न करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं लेकिन सर्दियों में नदियों में पानी का प्रवाह कम हो जाता है और प्रकाशन एवं उष्मायन लोड में वृद्धि से बिजली की कमी हो सकती है।

Table of Contents
  1. हिमाचल प्रदेश जल विद्युत परियोजनाएं | Hydro Power Project in Himachal Pradesh | हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाएँ:-
  2. हिमाचल प्रदेश की महत्वपूर्ण जल विद्युत परियोजनाओं का विवरण:-
    1. See Also:- हिमाचल प्रदेश समान्य ज्ञान | HP GK | Himachal Pradesh GK General Knowledge
  3. संजय विद्युत् परियोजना या भावा परियोजना (Sanjay Vidyut Pariyojana or Bhaba Project):
  4. गिरिनगर जलविद्युत परियोजना (Girinagar Hydroelectric Project):
  5. आन्ध्रा हाइडल परियोजना (Andhra Hydel Project):
  6. रौंग-टौंग हाइडल परियोजना (Rong Tong Hydel Project):
  7. बिनवा हाइडल परियोजना (Binwa Hydel Project):
    1. See Also:- HP GK, Himachal Pradesh General Knowledge Questions
  8. गज परियोजना (Gaj Project):
  9. बनेर और नेगल परियोजना (Baner and Negal Project):
  10. थिरोट परियोजना (Thirot Project):
  11. लारजी हाइडल परियोजना (Larji Hydel Project):
  12. कोल डैम परियोजना (Kol Dam Project):
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  14. नाथपा-झाकड़ी परियोजना (Nathpa-Jhakhari Project):
  15. कड़छम वांगतु परियोजना (Karchham wangtu Project):
  16. घानवी परियोजना (Ghanvi Project):
  17. बास्पा हाइडल परियोजना (Baspa Hydel Project):
  18. धमवाड़ी-सुंडा परियोजना (Dhamawari-Sunda Project):
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  19. चमेरा हाइडल परियोजना (Chamera Hydel Project):
  20. पार्वती हाइडल परियोजना (Parbati Hydel Project):
  21. रामपुर परियोजना (Rampur Project):
    1. See Also:- HIMACHAL PRADESH GK
    2. See Also:- Himachal Pradesh General Knowledge GK

हिमाचल प्रदेश की महत्वपूर्ण जल विद्युत परियोजनाओं का विवरण:-

क्रमांकजल विद्युत् परियोजनाएंजिलानदीजल विद्युत् क्षमता
01संजय विद्युत् परियोजना/भावा परियोजनाकिन्नौरबास्पा(सतलुज)120 MW
02बास्पा विद्युत् परियोजनाकिन्नौर बास्पा(सतलुज) 400 MW
03नाथपा झाकड़ी विद्युत् परियोजनाकिन्नौर-शिमला सतलुज 1500 MW
04खाब परियोजनाकिन्नौर सतलुज 1020 MW
05कडछम-वांगतू परियोजनाकिन्नौर सतलुज 1000 MW
06जांगी-थोपन जलविद्युत परियोजनाकिन्नौर सतलुज 960 MW
07चांगो-यांगथांग परियोजनाकिन्नौर सतलुज 140 MW
08रूकती जलविद्युत् परियोजनाकिन्नौर सतलुज 1.5 MW
09शोंगटोंग कड़छम परियोजनाकिन्नौर सतलुज 402 MW
10रोंगटोंग जलविद्युत् परियोजनालाहौल-स्पीतीरोंगटोंग नाला(स्पीती नदी)2.0 MW
11थिरोट जलविद्युत परियोजनालाहौल-स्पीती थिरोट नाला(चिनाब)4.5 MW
12छतरु जलविद्युत परियोजनालाहौल-स्पीती चिनाब108 MW
13आंध्रा जलविद्युत परियोजनाशिमला(त. रोहडू)आंध्रा खड्ड(पब्बर)16.95 MW
14रामपुर जलविद्युत परियोजना शिमलासतलुज412 MW
15धमवाटी सूंदा परियोजनाशिमलापब्बर(यमुना)70 MW
16घानवी जलविद्युत परियोजना शिमलाघानवी(सतलुज)22.5 MW
17पार्वती जलविद्युत परियोजना कुल्लूपार्वती(व्यास)2051 MW
18सैंज जलविद्युत परियोजना कुल्लूव्यास100 MW
19लारजी जलविद्युत परियोजना कुल्लूव्यास126 MW
20एलायन-दुहांगन परियोजनाकुल्लूव्यास192 MW
21मलाना जलविद्युत परियोजना कुल्लूमलाना(पार्वती- व्यास)86 MW
22चमेरा-Iचम्बारावी540 MW
23चमेरा-IIचम्बारावी300 MW
24बैरा-सियूल परियोजनाचम्बा(भरमौर)सियूल-बैटा(रावी)198 MW
25होली जलविद्युत परियोजना चम्बा(भरमौर )रावी3.0 MW
26हिब्रा जलविद्युत परियोजना भरमौर रावी260 MW
27सेली जलविद्युत परियोजना भरमौर चिनाब454 MW
28रोआली जलविद्युत परियोजना भरमौर चिनाब500 MW
29मछेतरी जलविद्युत परियोजना भरमौर रावी100 MW
30कुठेर जलविद्युत परियोजना भरमौर रावी260 MW
31गज जलविद्युत परियोजना कांगड़ागज(व्यास)10.5 MW
32पौंग वांधकांगड़ाव्यास360 MW
33बिनवा जलविद्युत परियोजना कांगड़ा(बैजनाथ)बाणखड्ड(व्यास)6.0 MW
34बनेर जलविद्युत परियोजना कांगड़ाव्यास12 MW
35बड़ा भंगाल जलविद्युत परियोजना कांगड़ारावी200 MW
36शानन पावर परियोजनामंडी(जोगिन्द्रनगर)व्यास(ऊहल)110 MW
37बस्सी विद्युत परियोजनामंडीब्यास60 MW
38ऊहल-IIमंडीब्यास70 MW
39कोल बांधबिलासपुरसतलुज800 MW
40भाखड़ा बांधनंगलसतलुज1325 MW
41गिरी-बाटा जलविद्युतसिरमौरयमुना201 MW
42रेणुकाजलविद्युतपरियोजना(भगवान परशुराम सागर परियोजना)सिरमौरयमुना40 MW
43यमुना जलविद्युत परियोजना सिरमौरयमुना131.5 MW
44धौला-सिद्ध परियोजनाहमीरपुरब्यास66 MW

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संजय विद्युत् परियोजना या भावा परियोजना (Sanjay Vidyut Pariyojana or Bhaba Project):

यह परियोजना किन्नौर जिले में हुरी गांव वा खडड पर कार्यान्वित की गयी है। इसकी तीन इकाइयाँ हैं। प्रत्येक से 40 मैगावाट कुल 120 मैगावाट बिजली बनाई जा रही है। इस पर 125.22 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। इस परियोजना में भावा खड्ड के पानी को 5.7 किलोमीटर लम्बी, 2.5 मीटर व्यास वाली सुरंग से ले जाकर 4.5 मीटर व्यास वाली सार्जशाफ्ट में डालकर 1410 मीटर लम्बी लोहे की शाफ्ट से बनी 1.5 मीटर व्यास की तीन शाखाओं में ले जाकर भूमिगत पावर हाऊस में डाला गया है। अब यह योजना पूर्ण हो चुकी है।

गिरिनगर जलविद्युत परियोजना (Girinagar Hydroelectric Project):

सिरमौर जिले की गिरि नदी पर स्थित, गिरिनगर हाइडल परियोजना की स्थापित क्षमता 60 मेगावाट है, जिसमें 30 मेगावाट की दो इकाइयाँ हैं। यह परियोजनाहिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के अंतर्गत आती है और 29 वर्षों से चालू है।

आन्ध्रा हाइडल परियोजना (Andhra Hydel Project):

यह परियोजना शिमला जिले के रोहडू उपमण्डल की चड़गांव तहसील में चड़गांव के समीप आन्ध्रा गांव में तैयार की गयी है। इस परियोजना के अन्तर्गत 5.65 मैगावाट की तीन इकाइयां हैं। परियोजना की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 16.95 मैगावाट है। और इस परियोजना की लागत लगभग 9.74 करोड़ रुपये थी।

रौंग-टौंग हाइडल परियोजना (Rong Tong Hydel Project):

रोंगटोंग एक 2 मेगावाट की परियोजना है जो लाहौल-स्पीति जिले में रोंगटोंग नाला पर स्थित है जो स्पीति नदी की एक सहायक नदी है। 3,600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह परियोजना इस क्षेत्र के आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए चलाई गई पहली पनबिजली परियोजना थी। यह दिसम्बर 1986 में चालू हो गयी है। यह दुनिया में सबसे ऊँचाई पर स्थित परियोजनाओं में से एक है।

बिनवा हाइडल परियोजना (Binwa Hydel Project):

यह परियोजना काँगड़ा जिले के बैजनाथ के समीप उत्तराला में कार्यान्वित की गई है। इसमें 3 मेगावाट की 2 इकाइयां हैं जो कुल 6 मैगावाट बिजली उत्पादन करती है। इस पर 12.32 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।यह परियोजना पालमपुर से 25 किमी तथा बैजनाथ से 14 से किमी की दूरी पर स्थित है। इसकी समुद्र तल से ऊँचाई 1515 मीटर है।

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गज परियोजना (Gaj Project):

यह काँगड़ा जिले में शाहपुर के नज़दीक गज और ल्योण खड्डों के पानी से तैयार की गयी है। इससे 10.5 मैगावाट बिजली पैदा होगी। इस पर 40 करोड़ रुपये के लगभग खर्च हुआ। गज खड्ड के किनारे बिठड़ी गाँव के पास पावर हाऊस बनाया गया है।

बनेर और नेगल परियोजना (Baner and Negal Project):

यह परियोजना धर्मशाला से 25 किलोमीटर दूर बनेर और नेगल नदियों पर स्थित है। इसकी बिजली उत्पादन क्षमता 12.5 मैगावाट है। इस पर 40.54 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। ये दोनों योजनाएँ मई-जून, 1996 में चालू की गई हैं।

थिरोट परियोजना (Thirot Project):

यह परियोजना लाहौल-स्पीति जिले की लाहौल घाटी में थरोट नाले के पानी से समुद्रतल से 2970 मीटर की ऊँचाई पर कार्यान्वित की गयी। इससे 4.5 मैगावाट बिजली पैदा की जा रही है।

लारजी हाइडल परियोजना (Larji Hydel Project):

लारजी पनबिजली परियोजना कुल्लू जिले में ब्यास नदी पर है और इसकी स्थापित क्षमता 126 मेगावाट की है।। इसके अन्तर्गत 45.3 मीटर ऊँचा बाँध बना कर पानी को 15 किलोमीटर लम्बी और 8.5 मीटर ब्यास वाली सुरंग से ले जाकर गिराया गया है।यह परियोजना सितंबर 2007 में पूरी हुई थी।

कोल डैम परियोजना (Kol Dam Project):

यह परियोजना सतलुज नदी पर डैहर से 6 किलोमीटर ऊपर कोल नामक स्थान पर 163 मीटर ऊँचा राकफिल डैम बनाकर कार्यान्वित की जा रही है। इस परियोजना से 800 मैगावाट बिजली उत्पन्न की जाएगी और इस इस पर 5360 करोड़ रुपये के लगभग व्यय होगा। इसका कार्यान्वयन शनल थर्मल पावर कारपोरेशन (NTPC) द्वारा किया जा रहा है।

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नाथपा-झाकड़ी परियोजना (Nathpa-Jhakhari Project):

सतलज नदी पर एक प्रमुख परियोजना नाथपा झाकरी बांध है जो लगभग 1500 मेगावाट बिजली पैदा करता है। यह प्रदेश की अभी तक सबसे बड़ी किन परियोजना है | परियोजना विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित है। इसकी निर्माण लागत लगभग 6000 करोड़ रूपए है।

कड़छम वांगतु परियोजना (Karchham wangtu Project):

इस परियोजना में कड़छम के पास सतलज के पानी को मोड़ कर 15.5 किलोमीटर लम्बी सुरंग से ले जाकर 280 मीटर शीर्ष से वांगतु (किन्नौर) के पास भूमिगत पान हाऊस में गिराकर 1000 मैगावाट बिजली पैदा की जायेगी। इस योजना पर 6314 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

घानवी परियोजना (Ghanvi Project):

यह परियोजना ज्योरी के पास सतलुज नदी से मिलने वाली घानती खड्ड के पानी से कार्यान्वित की जा रही है, जिससे 22.5 मैगावाट बिजली पैदा होगी और इस पर 95 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है। इसे कार्यान्वयन के लिए निजी क्षेत्र में दिया गया है।

बास्पा हाइडल परियोजना (Baspa Hydel Project):

यह परियोजना सतलुज की सहायक नदी बास्पा के पानी से दो चरणों में कार्यान्वित की जाएगी। इससे 300 मैगावाट बिजली पैदा की जा सकेगी।

धमवाड़ी-सुंडा परियोजना (Dhamawari-Sunda Project):

यह शिमला जिले में पब्बर नदी के पानी से कार्यान्वित की जाएगी। इससे 70 मैगावाट बिजली पैदा होगी और इस पर 150 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

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चमेरा हाइडल परियोजना (Chamera Hydel Project):

चम्बा में रख नामक गाँव के पास रावी नदी पर बाँध बना कर चमेरा हाइडल परियोजना कार्यान्वित की जा रही है। इसे तीन चरणों में कार्यान्वित किया जायेगा। इसमें हिमाचल प्रदेश का भाग भी होगा। इस परियोजना में 22 किलोमीटर सुरंग से पानी ले जाकर 411 मीटर की ऊँचाई से गिराया जाएगा। इससे पहले चरण में 540 मैगावाट, दूसरे चरण में 300 व तीसरे चरण में 231 मैगावाट बिजली पैदा होगी।

पार्वती हाइडल परियोजना (Parbati Hydel Project):

यह परियोजना कुल्लू की पार्वती नदी के पानी से कार्यान्वित होगी। यह परियोजना तीन चरणों में पूरी होगी। इससे 2051 मैगावाट बिजली पैदा की जा सकेगी। पहले चरण में 750 मैगावाट, दूसरे चरण में 800 मैगावाट तथा तीसरे में 501 मैगावाट बिजली तैयार की जा सकेगी।

रामपुर परियोजना (Rampur Project):

412 मैगावाट की यह परियोजना सतलुज जल विद्युत् निगम द्वारा रामपुर (शिमला) के समीप बनाई जा रही है।

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