Lakes of Himachal Pradesh। हिमाचल प्रदेश की सम्पूर्ण झीलें All Exam Online

Lakes of Himachal Pradesh। हिमाचल प्रदेश की सम्पूर्ण झीलें

Lakes of Himachal Pradesh। हिमाचल प्रदेश की सम्पूर्ण झीलें। Know About Himachal Pradesh All Lakes

हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों प्रकार की झीलें विद्यमान हैं। यहाँ की प्रमुख झीलों का वर्णन इस प्रकार हैं-

झील – खजियार झील डलहौजी (Khajjjar Lake)
जिला – चम्बा
समुद्रतल से ऊंचाई – 1951
मुख्य विशेषताएँ – यह झील चम्बा से 27 किमी दूर डलहौजी उपमण्डल में स्थित हैं। यह झील समुद्रतल से 1951 मीटर की ऊंचाई पर है। इस झील के अनुपम सौन्दर्य के कारण खजियार को हिमाचल का मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से भी जाना जाता है। इस झील का क्षेत्रफल 5 हैक्टेयर है। इस झील के किनारे स्थित मंदिर खजियार नाग को समर्पित है।

झील – गुडासरू महादेव झील चुराह (Gudasaru Lake)
जिला – चंबा
समुद्रतल से ऊंचाई- 3505
मुख्य विशेषताएँ – यह झील समुद्रतल से लगभग 3505 मीटर की ऊँचाई पर है। इस झील की परिधि लगभग एक किमी० अर्थात् दो हैक्टेयर है। इस झील के किनारे स्थित मंदिर माँ काली को समर्पित है.

झील – लामा झील (Lama Lake)
जिला – चंबा
समुद्रतल से ऊंचाई – 3,962
मुख्य विशेषताएँ – यह झील भरमौर उपमण्डल में है। यह समुद्रतल से 3,962 मीटर की ऊँचाई पर है। लामा डल झील सात झीलों का समूह है। इस झील समूह का कुल क्षेत्रफल लगभग 32 हैक्टेयर है। यह झील समूह नाग इल और नाग छतरी डल के नाम से जाना जाता है। इस समूह में लामा झील का व्यास 2 किलोमीटर है। यह झील धौलाधार पर्वत श्रृंखला में पड़ती है। यहाँ एक छोटा-सा शिव मन्दिर है।

झील – मणिमहेश झील भरमौर (Manimahesh Lake)
जिला – चंबा
समुद्रतल से ऊंचाई – 3950
मुख्य विशेषताएँ – कैलाश चोटी की तलहटी में स्थित यह झील चम्बा से 100 किमी की दूरी पर भरमौर उपमण्डल में स्थित है। इस झील की समुद्रतल से ऊँचाई 3950 मीटर है। इस झील का अनुमानित व्यास एक कि० मी० है। प्रति वर्ष अगस्त-सितम्बर माह में यहाँ पर वार्षिक मणिमहेश यात्रा का आयोजन किया जाता हैं।

झील – महाकाली झील (Mahakali Lake)
जिला – चंबा
समुद्रतल से ऊंचाई – 3,657
मुख्य विशेषताएँ – यह झील चुराह घाटी के खुण्डी मराल चांजू पंचायत में है। यह झील समुद्रतल से 3,657 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह झील भगवती काली के नाम से विख्यात है। यह झील 3 हैक्टेयर क्षेत्र में फैली है।

झील – कालीका डल झील (कलिका dal Lake)
जिला – चंबा
मुख्य विशेषताएँ – यह झील नोसराधार पर चुराह घाटी में पड़ती है।

झील – चंद्र्कूप ताल (Chandarkoop Tal)
जिला – चंबा
समुद्रतल से ऊंचाई – 3450
मुख्य विशेषताएँ – यह झील वर्ष भर वर्फ़ से ढकी रहती है. गर्मियों में इस झील में वर्फ़ के टापू तैरते देखे जा सकते है.

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झील – मैहलनाग डल झील चुराह (Mahalnaag Dal Lake)
जिला – चंबा
मुख्य विशेषताएँ – यह झील चम्बा जिला की चुराह घाटी के मैहलवार धार पर स्थित है। यह झील नाग देवता के नाम से विख्यात् है।

झील – बैसाखी चामुण्डा डल झील, चुराह (Baisakhi Chamunda Lake)
जिला – चंबा
मुख्य विशेषताएँ – यह झील चम्बा जिला की एंथली जीत पर चुराह घाटी में पड़ती है।

झील – चमेरा झील, चम्बा (Chamera Lake)
प्रकार – मानव निर्मित झील
जिला – चंबा
समुद्रतल से ऊंचाई – 892
मुख्य विशेषताएँ – यह झील रावी नदी पर चमेरा बांध के बनने पर अस्तित्व में आई है। यह कृत्रिम झील समुद्रतल से 892 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।

झील – कारेरी झील (Kareri Lake)
जिला – कांगड़ा
समुद्रतल से ऊंचाई – 1,810
मुख्य विशेषताएँ – यह झील धर्मशाला से 28 किमी की दूरी पर स्थित है। यह झील समुद्रतल से 1,810 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इसका व्यास 3.5 हैक्टेयर है। इस झील के किनारे पर भी शिव मन्दिर है। और इस झील का पानी लूणी नदी में गिरता है.

झील – डल झील (Dal Lake)
जिला – कांगड़ा
समुद्रतल से ऊंचाई – 1,715
मुख्य विशेषताएँ – डल झील धर्मशाला से 11 किमी की दूरी पर धौलाधार पर्वत श्रृंखला में स्थित है। यह भाग्सुनाथ झील के नाम से प्रसिद्ध है. डल झील समुद्रतल से 1,715 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।इस झील के किनारे स्थित मंदिर भगवान ध्रुमेश्वर को समर्पित है जिसका निर्माण ऋषि अग्सत्य ने किया था। यहाँ पर वार्षिक राधा अष्टमी मेला मनाया जाता है।

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झील – पौंग झील (Pong Lake)
जिला – कांगड़ा
प्रकार – मानव निर्मित झील
समुद्रतल से ऊंचाई – 440
मुख्य विशेषताएँ – यह झील समुद्रतल से 430 मीटर की ऊंचाई पर है। इस झील का निर्माण व्यास नदी पर पौंग बांध के निर्माण से हुआ है। इस झील की लम्बाई 42 कि.मी. है। वर्ष 1983 में वन्यजीव अभ्यारण घोषित किया गया था।

झील – पराशर झील (Parashar Lake)
जिला – मण्डी
समुद्रतल से ऊंचाई – 2,743
मुख्य विशेषताएँ – महर्षि पराशर के नाम से प्रसिद्ध यह झील समुद्रतल से 2,743 मीटर की ऊंचाई पर है। यह झील मण्डी से 40 किमी की दूरी पर है। इस झील के साथ पराशर ऋषि का पैगोडा शैली में बना भव्य मन्दिर है। इस झील की परिधि लगभग आधा किमी० अर्थात् एक हैक्टेयर है। इस झील में एक टापू स्थित है।

झील – रिवालसर झील (Rewalsar Lake)
जिला – मण्डी
समुद्रतल से ऊंचाई – 1,360
मुख्य विशेषताएँ – यह झील बौद्ध, हिन्दू और सिक्ख तीन धर्मों की त्रिवेणी के नाम से प्रसिद्ध है। यह झील समुद्रतल से 1,360 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ प्रसिद्ध बौद्ध मेला छेश्च मनाया जाता है। बौद्ध धर्म के लोगों में यह झील ‘प्द्माकन’ के नाम से प्रसिद्ध है। ऋषि लोमष ने यहाँ पर शिव आराधना की थी। बौद्ध भिक्षु पद्मसम्भव भी इसी स्थान से जुड़े थे। सन् 1685 ई. को गुरु गोबिन्द सिंह रिवालसर झील देखने आए थे। इसलिए यह स्थान बौद्धों, हिन्दुओं और सिक्खों की लिए पूजनीय है। यह झील टापुओं की लिए प्र्सिथ है।इसलिए इस झील को तैरते टापू की झील भी कहा जाता है। इस झील का व्यास 3 हैक्टेयर है।

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झील – कुमरवाह झील / कमरुनाग झील (Kumarwah Lake/Kamrunag Lake)
जिला – मण्डी
समुद्रतल से ऊंचाई – 3,150
मुख्य विशेषताएँ – कुमरवाह झील कमरुनाग देवता के नाम से प्रसिद्ध है। यह झील मण्डी से लगभग 40 किमी की दूरी पर है। कमरुनाग देवता का मण्डी के चच्योट में अधिराज्य स्थापित है। यह झील मण्डी जिला की चच्योट तहसील में है। यह झील समुद्रतल से 3,150 मीटर की ऊँचाई पर है। इस झील में सोने व चाँदी के सिक्के अर्पित किए जाते है.

झील – सुखसरझील (Sukhsar Lake)
जिला – मण्डी
समुद्रतल से ऊंचाई – 1760
मुख्य विशेषताएँ – यह झील रिवालसर कस्बे की चोटियों पर समुद्रतल से 1760 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।

झील – कुंत भियोग
जिला – मण्डी
समुद्रतल से ऊंचाई – 1700
मुख्य विशेषताएँ – यह झील समुद्रतल से 1700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

झील – कालासार
जिला – मण्डी
समुद्रतल से ऊंचाई – 1755
मुख्य विशेषताएँ – यह झील समुद्रतल से 1755 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

झील – पंडोह झील / सुंदरनगर झील (Pandoh Lake or Sundernagar Lake)
जिला – मण्डी
प्रकार – मानव निर्मित झील (कृत्रिम झील)
मुख्य विशेषताएँ – यह कृत्रिम झील पण्डोह नामक स्थान पर ब्यास नदी पर बांध बनने के कारण अस्तित्व में आई है। ब्यास नदी के जल प्रवाह को नहरों व सुरंगों द्वारा पण्डोह से सुंदरनगर समीप सलापड़ नामक स्थान पर सतलुज नदी के साथ मिलाया गया है। यह हिमाचल की सबसे छोटी कृत्रिम झील है। इसकी लम्बाई 14 कि० मी० हैं।

झील – चन्द्रनाहन झील, रोहडू (Chandranahan Lake)
जिला – शिमला
समुद्रतल से ऊंचाई – 4267
मुख्य विशेषताएँ – यह झील रोहडू उपमण्डल की चांसल नामक घाटी में समुद्रतल से 4267 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह झील पब्बर नदी का उद्गम स्त्रोत भी है। इस स्थान को चारमाई ताल भी कहते हैं। इस झील का व्यास लगभग एक हैक्टेयर है।

झील – गढ़ कुफर
जिला – शिमला
मुख्य विशेषताएँ – यह झील शिमला जिला में स्थित है.

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झील – तानु जुब्बल झील, नारकण्डा, शिमला (Tanu Jubbal Lake)- यह झील शिमला से 68 किमी की दूरी पर स्थित है। यह झील प्रमुख पर्यटक स्थल हाटू के समीप है। यह झील समुद्रतल से 2708 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
जिला – शिमला
मुख्य विशेषताएँ – यह झील नारकंडा के निकट स्थित है.

झील – कराली
जिला – शिमला
मुख्य विशेषताएँ – यह झील छोटा शाल्ली पहाड़ी पर स्थित है.

झील – बरदोंसर
जिला – कुल्लू
समुद्रतल से ऊंचाई – 5500
मुख्य विशेषताएँ – यह झील डोडरा क्वार एवं सांगला के मध्य स्थित है.

झील – भृगु झील (Brigm Lake)
जिला – कुल्लू
समुद्रतल से ऊंचाई – 4,235
मुख्य विशेषताएँ – यह झील विशिष्ट गांव के समीप समुद्रतल से 4,235 मीटर की ऊँचाई पर मनाली से 13 किमी की दूरी पर स्थित है। इस झील का ब्यास 3 हैक्टेयर है। यह एक भव्य पर्यटक स्थल है। यह झील शुक्र के पिता महर्षि भृगु के नाम से प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता कि इस झील में हर वर्ष 20 भद्र को देवी-देवता स्नान के लिए आते हैं।

झील – मानतलाई झील (Mantilai Lake)
जिला – कुल्लू
समुद्रतल से ऊंचाई – 4,116
मुख्य विशेषताएँ – यह झील पिन पार्वती घाटी में समुद्रतल से 4,116 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इसका व्यास 3 हैक्टेयर है। इस झील से पार्वती नदी का उद्गम होता है।

झील – सरवालसर झील (Senvalsar Lake)
जिला – कुल्लू
समुद्रतल से ऊंचाई – 3,100
मुख्य विशेषताएँ – यह झील जलोड़ी जोत से लगभग 5 कि.मी. की दूरी पर समुद्रतल से 3,100 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इस झील की परिधि लगभग 0.5 हैक्टेयर है। यह झील बंजार उपमण्डल में पड़ती है।

झील – शृंग्टू झील
जिला – कुल्लू
समुद्रतल से ऊंचाई – 4200
मुख्य विशेषताएँ – यह झील हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला में 4200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.

झील – दशहर झील (Dusher Lake)
जिला – कुल्लू
समुद्रतल से ऊंचाई – 4,270
मुख्य विशेषताएँ – यह झील भी मनाली के समीप रोहतांग दर्रे पर स्थित है। यह झील समुद्रतल से 4,270 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। पर्यटन की दृष्टि से भृगु तथा दशहर दोनों झीलें महत्त्वपूर्ण हैं। दशहर झील का व्यास 4 हैक्टेयर है। इस झील में स्नान करने से शारीरिक कष्टों का निवारण होता है.

झील – नैनसर झील (Nansar Lake)
जिला – कुल्लू
समुद्रतल से ऊंचाई – 4000
मुख्य विशेषताएँ – यह झील ऑऊटर सिराज में भीम द्वार और श्रीखण्ड पर्वत के बीच स्थित हैं। इस झील की समुद्रतल से 4000 मीटर की ऊँचाई है।

झील – रेणुका जी झील (Ranuka Lake)
जिला – सिरमौर
समुद्रतल से ऊंचाई – 660
मुख्य विशेषताएँ – यह झील समुद्रतल से 660 मीटर की ऊंचाई पर नाहन उपमण्डल से 37 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह हिमाचल की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील है जिसकी लम्बाई 2.5 कि. मी. है। विश्व की प्राकृतिक झीलों की गणना में रेणुका झील तेरहवें स्थान पर है। इस झील का व्यास लगभग 5 हैक्टेयर है। इसकी आकृति सोई हुई स्त्री जैसी है। यह झील ऋषि जम्दग्नि उनकी पत्नी रेणुका व उनके पुत्र भगवान परशुराम से संबंधित है। यह झील हिमाचल प्रदेश का एकमात्र ऐसा देवस्थल है, जहां देवोत्थान एकादशी (कार्तिक मास) से पांच दिन तक अन्तर्राष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेला मनाया जाता है।

झील – सुकेती झील
जिला – सिरमौर
मुख्य विशेषताएँ – यह झील सुकेती जीवाश्म पार्क के निकट स्थित है।

झील – चन्द्रताल झील (Chandral tal Lake)
जिला – लाहौल- स्पीती
समुद्रतल से ऊंचाई – 4270
मुख्य विशेषताएँ – इस झील को चीनी यात्री हेवांग त्सांग ने लोहित्य सरोवर का नाम दिया था। यह झील चंद्रा नदी का उद्गम स्थान है। यह झील समुद्रतल से 4270 मीटर की ऊँचाई पर है। इस झील का व्यास लगभग 49 हैक्टेयर है।

झील – सूरजताल झील (Suraj Tal)
जिला – लाहौल-स्पीती
समुद्रतल से ऊंचाई – 4800
मुख्य विशेषताएँ – बारालाचा से निकलने के बाद भागा नदी सूरजताल झील का निर्माण करती है। यह समुद्रतल से 4800 मीटर की ऊँचाई पर है। यह झील लगभग 3 हैक्टेयर में फैली हुई है। यह झील लाहौल उपमण्डल में बारालाचा दरें से नीचे पर्वतीय तट पर पड़ती है। बारालाचा दर्रा मनाली-लाहौल-लेह-लद्दाख सड़क को जोड़ता है। इस सड़क पर से सूरजताल झील का रमणीय नजारा देखने को मिलता।

झील – यूनाम-सो झील
जिला – लाहौल-स्पीती
मुख्य विशेषताएँ – यह झील लद्दाख क्षेत्र की बड़ी झीलों में से एक है.

झील – त्सोमुरारी
जिला – लाहौल-स्पीती
समुद्रतल से ऊंचाई – 4900
मुख्य विशेषताएँ – यह झील एक अन्त:स्थलीय समुद्र के समान है.

झील – नीलकंठ झील (Neelkanth Lake)
जिला – लाहौल-स्पीती
समुद्रतल से ऊंचाई – 3900
मुख्य विशेषताएँ – यह मनाली से लगभग 140 किमी की दूरी पर स्थित है। यह समुद्र तल से 3900 मी. की ऊँचाई पर स्थित हैं। लाहौल घाटी की यह झील 6 मास तक बर्फ में ढकी रहती है।

झील – डेखर झील, स्पीति (Dankhar Lake)
जिला – लाहौल-स्पीती
मुख्य विशेषताएँ – यह झील लाहौल-स्पीति के स्पीति उपमण्डल में स्थित है।

झील – नाको झील, पूह (NakoLake)
जिला – किन्नौर
समुद्रतल से ऊंचाई – 3,662
मुख्य विशेषताएँ – यह झील पूह उपमण्डल में हंगरंग घाटी में स्थित है। यह झील समुद्रतल से 3,662 मीटर की ऊंचाई पर है। इस का व्यास एक हैक्टेयर है। नाको झील भाइस्यीन (तिब्बत) की सीमा विभाजक पर्वत श्रृंखला रियो पराजियल (6,816 मीटर) की पश्चिमी ढलान पर है। इसी उच्च शिखर को भगवान पराजियल का वास भी बताया जाता है

झील – सोरंग झील
जिला – किन्नौर
मुख्य विशेषताएँ – सोरंग झील किन्नौर में स्थित है.

झील – गोविन्द सागर झील (Govind Sagar Lake)
जिला – बिलासपुर
प्रकार – मानव निर्मित झील (कृत्रिम झील)
मुख्य विशेषताएँ – यह हिमाचल के बिलासपुर जिले से सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है। यह झील भाखड़ा बांध निर्माण के कारण अस्तित्व में आई है। यह झील लगभग 1,687 हैक्टेयर भूमि पर फैली हुई है। इस झील की अनुमानित लम्बाई 168 कि. मी. है। यह कृत्रिम झील समुद्रतल से 673 मीटर की ऊँचाई पर है। इस झील का नाम सिखों के दसवें गुरु गोविन्द सिंह जी के नाम पर रखा गया है।

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