Top 3 Motivational Story in Hindi | Bill Gates Motivational Story | Sandeep Maheshwari Motivational Story All Exam Online

Top 3 Motivational Story in Hindi | Bill Gates Motivational Story | Sandeep Maheshwari Motivational Story

Top 3 Motivational Story in Hindi | Bill Gates Motivational Story | Sandeep Maheshwari Motivational Story

Bill Gates Motivational Story
Motivational Story

Bill Gates Motivational Story- बिल गेट्स की प्रेरणादायक कहानी

दुनिया के सबसे धनवान व्यक्ति बिल गेट्स से किसी ने पूछा क्या इस धरती पर आप से भी अमीर कोई है बिल गेट्स ने जवाब दिया हां एक व्यक्ति इस दुनिया में मुझसे भी अमीर है.

कौन?
बिल गेट्स ने बताया एक समय में जब मेरी प्रसिद्धि और अमीरी के दिन नहीं थे, मैं न्यूयॉर्क एयरपोर्ट पर था वहां सुबह-सुबह अखबार देखकर मैंने एक अखबार खरीदना चाहा पर मेरे पास खुदरा पैसे नहीं थे, तो मैंने अखबार लेने का विचार त्याग कर उसे वापस रख दिया.

अखबार बेचने वाले लड़के ने मुझे देखा तो मैंने खुदरा पैसे / सिक्के ना होने की बात कही लड़के ने अखबार देते हुए कहा यह मैं आपको मुफ्त में देता हूं बात आई गई हो गई कोई 3 माह बाद संयोगवश उसी एयरपोर्ट पर मैं फिर उत्तरा और अखबार के लिए फिर मेरे पास सिक्के नहीं थे उस लड़के ने मुझे फिर से अखबार दिया तो मैंने मना कर दिया मैं यह नहीं ले सकता.

उस लड़के ने कहा आप इसे ले सकते हो मैं इसे अपने प्रॉफिट के हिस्से से दे रहा हूं. मुझे नुकसान नहीं होगा. मैं अखबार ले लिया. 19 साल बाद अपने प्रसिद्ध हो जाने के बाद एक दिन मुझे उस लड़की की याद आई और मैंने उसे ढूंढना शुरू किया.

कोई डेढ़ महीने खोजने के बाद आखिरकार वह मिल गया. मैंने पूछा क्या तुम मुझे पहचानते हो. लड़का- हां, आप मिस्टर बिल गेट्स है. गेट्स- तुम्हें याद है कभी तुमने मुझे फ्री में अखबार दिए थे. लड़का- जी हां बिल्कुल ऐसा दो बार हुआ था. बिल गेट्स मैं तुम्हारे उस किए हुए की कीमत अदा करना चाहता हूं | तुम अपनी जिंदगी में जो कुछ चाहते हो बताओ मैं तुम्हारी हर जरूरत पूरी करूंगा |

लड़का- सर लेकिन क्या आपको नहीं लगता है कि ऐसा करके आप मेरे काम की कीमत अदा नहीं कर पाएगें.
गेट्स- क्यों?
लड़का- मैंने जब आपकी मदद की थी. मैं एक गरीब लड़का था, जो अखबार बेचता था, और आप मेरी मदद तब कर रहे हैं | जब आप इस दुनिया के सबसे अमीर और सामर्थ वाले व्यक्ति है | फिर आप मेरी मदद की बराबरी कैसे करेंगे. बिल गेट्स की नजर में वह व्यक्ति दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति से भी अमीर था, क्योंकि किसी की मदद करने के लिए उसने अमीर होने का इंतजार नहीं किया था | अमीरी पैसे से नहीं दिल से होती है दोस्तों किसी की मदद करने के लिए अमीर दिल का होना भी बहुत जरूरी है |

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Motivational Story in Hindi- सन्यासी की कहानी.

प्राचीन काल में एक नदी के किनारे एक सन्यासी रहते थे. और उस नदी के उस पार (दूसरी तरफ) उसके भक्त रहा करते थे. उस परिवार में पिता जी, माता जी और एक बिटिया थी. इस परिवार की ड्यूटी थी की ये हर शाम में बाबाजी के वहां तक पहुँचते थे और गाय का दूध लेकर जाते थे. क्योंकि बाबाजी प्रतिदिन गाय का दूध पीते थे. और इश्वर की तपस्या करते थे | रोजाना वे तपस्या में लीन रहते थे और शाम में इस परिवार कोई भी वहां पहुँचता था. और गाय का दूध वहां ले जाते थे | वे गाय का दूध पिने के बाद फिर से तपस्या में लीन हो जाते थे. वो जो सन्यासी थे| वे एक बात की सिद्धि चाहते थे. वे एक बात को सिद्ध करना चाहते थे. उसके लिए लगातार तपस्या करते थे. उनकी इच्छा थी कि वे एक बार पानी पर चले. पानी पर चलने की सिद्धि वे प्राप्त करना चाहते थे. इसके लिए लगातार इनकी तपस्या चली जा रही थी | वर्षो से वे तपस्या कर रहे थे |

मानसून का समय आया | ये जो परिवार था इसमें जो पिताजी थे उनको शहर जाना पड़ा किसी काम से, तो घर पर माता जी थी, और बिटिया थी. अब माता जी ने बिटिया से कहा की बेटा शाम में आपको बाबा जी के लिए वहां पर गाय का दूध लेकर जाना है | बिटिया केतली में दूध लेकर जाने के लिए तयार हुई. तभी अचानक से बादल आ गये तो माता जी ने बेटी से कहा की बेटा एक काम करना आज बाबाजी को कह देना कि बाबाजी लग रहा है आज घनघोर वारिश हो सकती है, इसलिए में कल आपके लिए दूध लेकर नहीं आ पाऊँगी. ये छोटा सा सन्देश बाबाजी को दे देना. बाबा जी समझ जाएँगे|

बिटिया अपने घर से चली गयी नदी पर करके पहुंची. जहाँ बाबाजी तपस्या किया करते थे | उनके आश्रम में वहां जाकर उसने दूध की केतली राखी और उसके बाद बाबा जी को प्रणाम किया और बोली की माताजी का आदेश है कि घनघोर बारिश हो सकती है इसलिए में आपके लिए कल गाय का दूध लेकर के नहीं आ पाऊँगी. पापाजी भी शहर गये है. तो जो सन्यासी थे उन्होंने कहा कि बेटा क्यों परेशान हो रहे हो. मैं तुम्हे एक मंत्र दूंगा | कितनी भी बारिश हो, कितनी भी नदी आ जाएँ तुम पानी पर चल कर के उस पार से इस पार आ जाओगे. लड़की चौक गयी उसने कहा कि बाबाजी सच में |

बाबाजी ने कहा कहा कि हाँ ये मंत्र आप मुझसे लेकर के जाओ अगर बारिश हो जाए ,अगर नदी में पानी भर जाए तब भी तुम पानी पर चल कर के आ जाना और गाय का दूध लेकर के आ जाना. क्योंकि मेरी तपस्या में कोई भंग नहीं पड़ना चाहिए | लड़की घर बापिस आई और आकर मम्मी को सारी बात बताई. मम्मी को भी बिश्वास नहीं हुआ लेकिन उन्होंने कहा की ठीक है बाबाजी कह रहे है | अगली शाम में घनघोर बारिश हो रही थी | नदी में पानी आ चूका था. बाढ़ जैसा दृश्य हो चूका था. तो लड़की के माता जी ने कहा कि बेटा आज मत जाओ. तो लड़की ने कहा की नहीं मम्मी उन्होंने मंत्र दिया है उस पर मुझे पूरा बिश्वास है | और में नदी पर कर लुंगी आप घबराओ मत. इतने बड़े बाबाजी है, इतने बड़े सन्यासी है, इतने दिनों से हम उनकी सेवा करते आ रहे है. ऐसे थोड़ी ना उनका मंत्र विफल होगा. तो मम्मी ने भी सोचा की चलो ठीक है लड़की जाना चाह रही है और लड़की गाय का दूध लेकर चली गयी. वह नदी के पास पहुंची |

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उसे नदी के इस पार से उस पार जाना था, लेकिन नदी में पानी भरा हुआ था. बाढ़ आ रही थी. लड़की ने वो मंत्र याद किये और मंत्र जपते-2 नदी पार कर गयी. नदी पार करने के बाद बाबाजी के आश्रम में पहुंची. और दूध की केतली वहां पर रख दी. बाबाजी देखते रह गये. बाबाजी सुन्न हो गये. उनको लगा कि ये क्या हो गया. वे चमत्कार को नमस्कार करने लगे. उनको लगा की उन्होंने सिद्धि प्राप्त कर ली है | वे जिस चीज की तपस्या सालों से करते आ रहे थे वे आज सिद्ध हो गयी. उनके दिए हुए मंत्रो की बजह से एक लड़की नदी पार कर के पानी पर चलते हुए आ गयी | बाबाजी बड़े खुश हो गये और उस लड़की को धन्यवाद् किया | लड़की बापिस पानी पर चलते चलते मंत्र का जाप करते हुए नदी पार कर गयी.

बाबाजी देखते रह गये. बाबाजी मन ही मन खुश होकर झुमने लगे | उनको लगा कि बस अब तो कमाल हो गया है. बाबाजी ने अब सोचा की क्यों न में अब खुद चल कर के देखूं | बाबाजी नदी के उस पार चलने की तयारी कर रहे थे | जैसे ही उन्होंने पानी में पैर रखा बाबाजी डूब गये | बाबाजी डूब गये लेकिन जो लड़की थी वह पानी पर चल कर के उस पार चली गयी | क्यों ?

क्योंकि बाबाजी को अपने मंत्र पर खुद विश्वास नहीं हो रहा था, और उस लड़की को उस मंत्र पर विश्वास था | विश्वास था की कि वह नदी को पार करके बाबाजी तक दूध पहुंचा देंगी. इसलिए खुद पर विश्वास रखिये दोस्तों |

Motivational Story 2021 Sandeep Maheshwari- अपनी नजर को बादलों

एक बार की बात है एक बहुत बड़ा नेता एक साधु के छोटे से आश्रम में गया क्योंकि उसने बहुत सुना था उस साधु के बारे में और उसके मन में आए कि मैं एक बार जा कर देखता हूं कि लोग इतनी तारीफ क्यों करते हैं उसकी तो जब वह उस आश्रम में गया तो वहां पर एक छोटा सा कमरा था जहां पर एक कालीन बिछा हुआ था.

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वहां पर कुछ लोग बैठे हुए थे नीचे और साधु जी सामने बैठे हुए थे कुछ सवाल जवाब चल रहा था तो जैसे ही बंदर गया वह अकेला नहीं था उसके साथ में चार बॉडीगार्ड भी थे और उसको यह आदत थी कि वह जहां पर भी जाता था जो लोग अपनी जगह से खड़े हो जाते थे उसकी तरफ देखते थे हाथ जोड़ते थे और सर झुकाते थे | लेकिन यहां पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ साधु ने उसकी तरफ देखा तक नहीं क्योंकि वह साधु किसी के सवाल का जवाब दे रहे थे लेकिन नेता को इस बात से गुस्सा आ गया नेता को लगा कि यह मेरी बेज्जती है तो उस नेता ने साधु की बात को बीच में काटते हुए थोड़ा गुस्से से कहा कि मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं साधु ने उसकी तरफ देखा और बोले आप थोड़ी देर रुकिए पहले मैं इनके सवाल का जवाब दे दूँ | उसके बाद मैं आपसे बात करूंगा तब तक आप अगर चाहे तो आप बैठ सकते हैं बस साधु का इतना कहने की देरी थी |

नेता का चेहरा गुस्से से लाल हो गया और फिर उसने अपना सारा गुस्सा हो ऊपर गुस्सा उस साधु पर निकाल दिया | अभी तक वह नेता बहुत तमीज से बात कर रहा था यानि कि आप आप कह करके बात कर रहा था अब वह तू तड़ाक पर उतर आया | नेता ने उस साधु को का कहा तुझे पता भी है मैं कौन हूं ? और तू किससे बात कर रहा है ?
साधु ने उसकी तरफ देखा और कहा मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कौन हैं, लेकिन आप जो कोई भी है अगर आप चाहते हैं कि मैं आपके सवाल का जवाब दूं या आप से बात करूं तो आपको कुछ देर रुकना होगा और साधु की यह कहते हैं नेता गुस्से से पागल हो गया और वही सब के सामने चीखने चिल्लाने लग गया | अब मैं तुझे तेरी असली औकात दिखाऊंगा तूने मुझसे पंगा ले करके ठीक नहीं किया तुझे पता भी है मैं तेरे बारे में क्या सोचता हूँ |

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साधु ने फिर से उसकी तरफ देखा और बड़े प्रेम से कहा कि मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप मेरे बारे में क्या सोचते हैं आप जो चाहे वह मेरे बारे में सोच सकते हैं फिर उस नेता ने कहा तू चाहे सुनना चाहता है या नहीं लेकिन मैं तुझे बताऊंगा यही सब के सामने कि मैं तेरे बारे में क्या सोचता हूं | तू एक बहुत ही घटिया इंसान है तू कोई साधु नहीं है तू एक ढोंगी है पाखंडी है और यहां पर जितने भी लोग बैठे हैं उन सबको बेवकूफ बना रहा है तेरा बस एक ही मकसद है इन लोगों की जेब में जितना भी पैसा है वह सब तेरे पास में आ जाए | तू अपने फायदे के लिए इन लोगों का इस्तेमाल कर रहा है और अब मैं तुझे नहीं छोड़ने वाला हूं |

तेरा पर्दाफाश करके रहूंगा पूरी दुनिया के सामने लेकिन उसका इतना बोलने के बाद भी उस साधु के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान बनी ही रही | यह देखकर वह और भी तिलमिला गया और उसने कहा अब बहुत हो गया | अब मैं यहां 1 मिनट भी नहीं रुकने वाला लेकिन अभी भी तेरे पास में मौका है अगर मुझ से माफी मांगी है या मुझसे कुछ कहना है तो कह सकते हो | इतना सब होने के बाद भी साधु बिल्कुल शांत था और उनके चेहरे पर एक मुस्कान थी उन्होंने अपनी आंखें बंद कर दी फिर साधु ने अपनी आंखें खोली हाथ जोड़े और कहा कि मुझे आपसे कोई गिला शिकवा नहीं है |

मेरे मन में आपके लिए कोई भी गलत ख्याल नहीं है जो भी आपने मेरे बारे में कहा वह आपकी अपनी सोच थी तो मुझे आप में कोई भी बुराई नजर नहीं आती है मुझे आप बहुत ही भले इंसान लग रहे हैं और साधु के इतना कहते ही नेताजी का दिमाग सातवें आसमान पर पहुंच गया | उनके चेहरे पर एक अजीब सी खुशी थी क्योंकि उस साधु ने वही कहा जो बाकी सब लोग उस नेता को कहते हैं और वह खुशी खुशी उस आश्रम से अपने घर की तरफ चला गया और जा कर के अपने पिताजी के साथ में बैठ गया |

उसके पिताजी की आंखें बंद थी और वह ध्यान में थे पूरी जिंदगी उन्होंने सिर्फ लोगों की सेवा करी और और बदले में कुछ भी उम्मीद नहीं किया तो थोड़ी देर बाद जब उन्होंने अपनी आंखें खोली और देखा अपने बेटे को अपने साथ बैठे हुए तो उनके बेटे के चेहरे पर आज एक अजीब सी खुशी थी जो आज से पहले उन्होंने कभी नहीं देखी थी फिर उसने एक एक करके सब कुछ बताया कि आज क्या हुआ किस तरह से वह आश्रम गया वहां पर क्या हुआ उसने क्या कहा उन्होंने क्या कहा तो जब उसके पिताजी ने पूरी बात सुनी तो थोड़ा सा मुस्कुराए और अपने बेटे को देख करके बोले कि उन्होंने तुम्हारी तारीफ नहीं करी |

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क्योंकि उन्होंने वह नहीं कहा कि जो तुम हो उन्होंने कहा कि जो वह खुद है और तुमने जो भी कुछ उनको कहा वह वह नहीं का कि जो वह है बल्कि तुमने वह का जो तुम खुद हो यही बात वेदों में भी कही गई है यथा दृष्टि तथा सृष्टि यह दुनिया तुम्हें वेसी नहीं दिखी दिखती जेसी यह दुनिया है यह दुनिया तुम्हें वैसी दिखती है जैसे तुम खुद हो जिसकी नजर जैसी है उसके लिए यह दुनिया वैसी ही है तो अगर तुम अपनी दुनिया को बदलना चाहते हो तो उसका सिर्फ एक तरीका है अपनी नजर को बदलो |

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