Who made our Constitution All Exam Online

Who made our Constitution


Who made our Constitution | हमारा संविधान किसके द्वारा बनाया गया है ?


भारत यद्यापि विदेशी परतंत्रता से 15अगस्त ,1947 को  स्वतंत्रहुआ था ,परंतु हमारी यह स्वतंत्रता पूर्ण नही हो सकती थी ,क्योकि हमारे पास स्वयं द्वारा निर्मित कोई संविधान नही था |ब्रिटीश संसद के द्वारा पारित 1947 के भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम (independence act ,1947)में यह स्पष्ट व्यवस्था की गयी थी कि जब तक भारत तथा पाकिस्तान की संविधान सभाएं अपने –अपने नए संविधान का निर्माण नही कर लेती ,तब तक इन दोनों अधिराज्यो (dominions )में 1935 का अधिनियम लागू रहेगा |इसके अतिरिक्त 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम ने भारत को पूर्ण स्वतंत्रता नही अपितु अधिराज्य (dominions)की स्थिति प्रदान की थी|

संविधान क्या है? अथ्वा हमें संविधान की आवश्यकता क्यों पडती है?

   भारत को सम्पूर्ण स्वतंत्रता उस दिन से प्राप्त होनी थी जिस दिन स्वतंत्र भारत का अपना constitution लागू होना था. यह शुभ दिन 26 जनवरी 1950 का था| जिसे भारतीय इतिहास में गणतंत्र दिवस होने का गौरव प्राप्त है. 29 दिसंबर,1929 को देशवासियों ने लाहौर के निकट रावी नदी के किनारे काँग्रेस के नेतृत्व में पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्त करने के लिए प्रतिज्ञा की थी. और प्रति वर्ष 26 जनवरी का दिन स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था. इसीलिए स्वतंत्र भारत के संविधान को 26 जनवरी, 1950 को ही लागू किया गया, ताकि 26 जनवरी का दिन भारतीय इतिहास में उस प्रतिज्ञा की पूर्ति का प्रतिक बना रहे.

26 जनवरी,1950  को लागू होने बाले स्वतंत्र भारत के संविधान का निर्माण एक संविधान सभा के दद्वारा किया गया था. इस सविधान सभा का निर्माण मंत्रिमंडल मिशन योजना के द्वारा किया गया . सविधान सभा के निर्माण की मांग समय-2 पर राष्ट्रिय स्वतन्त्रता आन्दोलन के दौरान उठाई जाती रही थी. परंतु इससे मंत्रिमंडल मिशन योजना के द्वारा पूरा किया गया था. 1945-46 में भारतीय राजनितिक मंच पर कुछ ऐसी घटनाएँ घटी जिनके परिणामस्वरूप भारतीय राजनितिक समस्य का योग्य समाधान ढूडडना आवश्यक हो गया .

9 फरवरी , 1946 को इंग्लैण्ड के प्रधानमंत्री Mr. एटली ने भारत की सम्स्य को सुलझाने के लिए भारत में मंत्रीमंडल मिशन भेजने की घोषणा की यह मिश्म 23 मार्च, 1946 को भारत आया भारत में विभिन राजनितिक दलों और साम्प्रदायिक संगठनों के नेताओ से बातचीत करने के पश्चात् 16 मई, 1946 को is मिशन ने एक योजना पेश की जिसे भारतीय संवेधानिक इतिहास में मंत्रिमंडल मिशन योजना कहा जाता है.


मंत्रिमंडल मिशन योजना के अंतर्गत constitution सभा की रचना :-


मंत्रिमंडल मिशन ने constitution सभा स्थापित करने की पेशकश की . उनके सुझाव के अनुसार is संविधान की रचना निम्नलिखित सिधान्तो के आधार पर होगी:-

(i).इस सभा में कुल 389 सदस्य होगे जिनमे से 292 सदस्य व्रिटिश भारत के गवर्नरों के प्रान्तों में से , 4 सदस्य चीफ कमिश्नर के प्रान्तों में से तथा ९३ सदस्य भारतीय रिहास्तो में से लिया करेंगे .

(ii). व्रिटिश भारत के प्रत्येक प्रान्त को उसकी जनसंख्या के अनुपात में संविधानसभा में स्थान दिए जायेगे . समान्यता 10 लाख लोगो के पीछे एक स्थान दिया जायेगा.

(iii). संविधान सभा के सदस्यों के चुनाव के लिए मतदाताओं की केवल 3 श्रेणियां स्वीकार की गयी, जो is प्ररार थी:-

a). सामान्य स्थान:- इसमें मुसलमानों तथा सिखों को छोडकर शेष सब लोग शामिल थे इस वर्ग के प्रतिनिधियों का चुनाव करने के लिए सिखों तथा मुसलमानों को मताधिकार प्राप्त नही था.

b). सिख :- सिखों के प्रतिनिधिओ का चुनाव करने के लिए केवल सीखो को ही मताधिकार प्राप्त था .

c). मुसलमान:- मुसलमानों के प्रतिनिधिओ का चिनव करने के लिए केवल मुसलमानों को ही मताधिकार दिया गया था.

(iv). जनसंख्या के आधार पर विभिन्न प्रान्तों को दिए गए स्थान इन तीन वर्गो में उनकी जनसँख्या के अनुपात में विभक्त किये जाने थे .

(v). मंत्रिमंडल मिशन योजना के अधीन ब्रिटिश भारत के प्रान्तों का 3 वर्गो में विभाजन इस प्रकार था:-

a). ‘क’ वर्ग – इस वर्ग में मद्रास, बम्बई, संयुक्त प्रान्त (यूपी) बिहार , मध्य प्रान्त (C.P) तथा उड़ीसा शामिल थे

b). ‘ख’ वर्ग – इस वर्ग में पंजाब, उत्तरपश्चमी सीमा प्रान्त (N.W.F.P) और सिंध शामील थे.

c). is वर्ग में बंगाल और असम शामिल किये गए थे.

ब्रिटिश भारत में इन प्रान्तों में constitution सभा के स्थानों का विभाजन इस प्रकार किया गया है:-

कुल सामान्य स्थान  210

कुल मुस्लिम स्थान  78

कुल सिख स्थान      4

व्रिटिश भारत के कुल स्थान 292

संविधान के कार्य एव भूमिका अथ्वा एक संविधान क्या करता है ? (Functions or role of Constitution of India)


ब्रिटिश भारत के प्रतिनिधिओ के लिए चुनाव बिधि :-


ब्रिटिश भारत के प्रान्तों के प्रतिनिधिओ के चुनाव के लिय व्यस्क मताधिकार ओर प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली ग्रहण नही की गयी थी. अपितु यह व्यवस्था की गयी कि संविधान सभा का निर्वाचन प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा साम्प्रदायिक आधार पर होगा. साम्प्रदायिक चुनाव का अभिप्राय यह था.  कि सिख प्रतिनिधि विधानसभाओं के सिख सदस्यों के द्वारा और मुसल्म प्रतिनिधि constitution सभाओ में मुस्लिम प्रतिनिधिओं के द्वारा निर्वाचित किये जायेगे . संविधान सभा के सदस्यों के चुनाव के संदर्भ में यह व्यवस्था भी की गयी. कि सदस्यों का चुनाव अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के आधार पर एकल परिवर्तित चुनाव प्रणाली के आधार पर होगी.


भारतीय रिहास्तों के प्रतिनिधिओ के लिये निर्वाचन विधि:-


इस constitution सभा में भारतीय रिहास्तो को भी जनसँख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व देने की व्यवस्था की गयी थी. परंतु भारतीय रिहास्तो के प्रतिनिधिओ की निर्वाचन प्रक्रिया को निच्चित नही किया गया था. is विषय में मंत्रिमंडल योजना के अंतर्गत यह व्यवस्ता थी. की ब्रिटिश भारत में से संविधानसभा किए निर्वाचित सदस्यों की एक सीमित नियुक्त की जाएगी,  जो भारतीय रिहास्तो के शासको की और से नियुक्त एक समिति से रियासतों के प्रतिनिधिओं के निर्वाचन की प्रक्रिया को निश्चित करने के लिए बातचीत करेगी.

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