Political and economic History Notes
क्यू. आरंभिक भारतीय इतिहास में छठी शताब्दी ई.पू.को एक महत्वपूर्ण परिवर्तनकारी काल क्यों माना जाता है |
उत्तर :- 1.इस काल में आरंभिक राज्यों ,साम्राज्य एवं रजवाडो का उदय हुआ |
2.इस काल में नए नगरो का उत्थान हुआ |
3.इस काल में लोहे एव सिक्कों का प्रचलन बढ़ गया |
4.इस काल में बौद्ध तथा जैन धर्मो सहित विभिन्न दार्शनिक विचारधाराओतका विकास हुआ
क्यू .जनपद से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर :- जनपद से हमारा अभिप्राय एक ऐसे भूक्षेत्र से है जहां किसी कुल अथबा जनजाति के लोग आकर बस जाते है |
ईटें, मनके तथा अस्थियाँ-हड़प्पा सभ्यता
क्यू .छठी शताब्दी ई.पू.में भारत कितने महाजनपदों में बंटा था ?किन्ही तीन के नाम बताएं ?
उत्तर :-(1) छठी शताब्दी ई .पू .में भारत 16 महाजनपदो में बंटा था |
(2) किन्ही तीन महाजनपदों के नाम मगध ,कोशल तथा गांधार थे |
क्यू . चंडप्रद्योत महासेन कौन था ?
उत्तर :- चंडप्रद्योत महासेन अवंति का सबसे शक्तिशाली शासक था |उसके शासनकाल में अवंति राज्य ने बहुत विकास किया |उसने बोद्ध धर्म को लोकप्रिय बनाने में प्रशसनीय योगदान दिया
क्यू . छठी शताब्दी ई .पू .गांधार क्यों प्रसिद्ध था ?कोई दो कारण बताएं |
उत्तर :- छठी शताब्दी ई.पू.गांधार निम्नलिखित कारणों से प्रसिद्ध था:-
(1)गांधार की राजधानी तक्षशिला एक विशवविद्यालय के रूप में विख्यात थी |
(2) उस समय गांधार एक प्रसिद्ध व्यापारिक केंद्र था |
सोलह महाजनपदो को विस्तार से लिखें
क्यू .मगध साम्राज्य के उत्थान के कोई दो कारण लिखिए ?
उत्तर :- (1) मगध साम्राज्य के उत्थान में यहाँ से प्राप्त विशाल लोहे के भण्डारो ने महत्वपूर्ण योगदान दिया |
(2) मगध में अनेक शक्तिशाली शासको ने शासन किया |
क्यू . मौर्य साम्राज्य के पतन के दो कारण कौन –से थे ?
उत्तर :- (1) अशोक के उत्तराधिकारी दुर्बल और निकम्मे निकले |
(2) विदेशी आक्रमणों ने मौर्य साम्राज्य की मृत्यु की घंटी बजा दी थी |
Rise and Expansion of Magadha Empire
क्यू. सातवाहन कौन थे ?सातवाहनो के दो प्रमुख शासको का वर्णन कीजिए |
अथबा
सातवाहन कौन थे ?वर्णन कीजिए |
उत्तर :- (1) सातवाहन कौन थे इस सम्बन्धी इतिहासकारो में मतभेद है |सम्भवतः वे आध्र जाती से सम्वन्धित थे |
(2) सातवाहनो के दो प्रसिद्ध शासक सातकनि प्रथम तथा गोतमी –पुत सातकनि थे |
क्यू . गोतमी –पुत सातकनि क्यों प्रसिद्ध था ?
उत्तर :- (1) उसके शक , यवन एव पल्लव शासको को पराजित किया |
(2) उसके शासन का मुख्य उदेश्य प्रजा का कल्याण करना था |
(3) उसने सातवाहन वंश के गौरव को पुनजिर्वित किया |
क्यू. महापाषाण किसे कहा जाता है ?
उत्तर :- महापाषाण ऐसे स्मारकों को कहा जाता है जो दक्षिण भारत के कुछ समुदायों द्वारा मृत व्यक्ति के शवों पर बनाए जाते थे |ये स्मारक बड़े –बड़े पत्थरों के बने होते थे |इनकी खुदाई से हमे लौह युग के लोगो के जीवन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है |
क्यू . अजात्तसतु कौन था ?वह क्यों प्रसिद्ध था ?
उत्तर :- अजात्तसतु मगध का एक शक्तिशाली शासक था |उसने 492 ई .पू .से 460 ई .पू .तक शासन किया |उसके काल में काशी को लेकर मगध एव कोशल राज्यों के दीर्घकाल तक झगड़ा चलता रहा | इसमे अजात्तसतु का पलड़ा भारी रहा |अजात्तसतु ने शक्तिशाली लिच्छवियों को पराजित किया |वह वहुत सहनशील शासक था |उसने जैन धर्म एवं वौध्द धर्म दोनों को ही सरंक्षण प्रदान किया |उसने 487 ई.पू.बौद्ध धर्म की प्रथम महासभा वैशाली में आयोजित की थी |
क्यू. मेगस्थनीज कौन था ?
उत्तर :- मेगस्थनीज एक यूनानी था |उसे यूनानी शासक सेल्फूकस ने चन्द्रगुप्त मौर्य के दरवार में अपने राजदूत के रूप में भेजा था |वह मौर्य शासन की राजधानी पाटलिपुत्र में लगभग 302 ई.पू.से 298 ई.पू.तक रहा |इस समय के दौरान उसने भारत के सम्वन्ध में जो कुछ आँखों देखा ,उसका इंडिका नामक पुस्तक में वर्णन किया |यह सही है कि इस वृतांत में कुछ त्रुटिया है लेकिन फिर भी यह हमारे लिए मौर्य काल के इतिहास को जानने का बहुमूल्य स्त्रोत है |इससे हमे चन्द्रगुप्त मौर्य एवं उसके महल ,राजधानी ,सैनिक एव नागरिक प्रबंध तथा भारतीय समाज के सबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है |
क्यू .कौटिल्य कौन था ?
उत्तर :- कौटिल्य को विष्णुगुप्त अथ्वा चाणक्य के नाम से भी जाना जाता था |वह चंन्द्रगुप्त मौर्य का परामर्शदाता और प्रधानमंत्री था |उसके द्वारा लिखित महान ग्रंथ ‘अर्थशास्त्र ‘राजनीती से सबंधित है |इसमें इसने राजा के कर्तव्य ,मंत्रियों के गुण ,युद्ध बिधिया ,कूटनीति के नियम ,शासन व्यवस्ता के सिद्धांत तथा अन्य राजनीतिक विषयों पर प्रकाश डाला है |यह ग्रंथ 15 भागों में विभाजित है और प्रतयेक भाग में शासन व्यवस्था से स्म्वंधित भिन्न –भिन्न विषयों की जानकारी दी गयी है |निसंदेह अर्थशास्त्र मौर्य साम्राज्य का एक बहुमूल्य स्त्रोत है |
क्यू . बिंदुसर के बारे में आप क्या जानते है ?
उत्तर :- 298 ई.पू.चंद्रगुप्त मौर्य की मृत्यु के पश्चात् उसका पुत्र बिंदुसर 298 ई.पू.राज्य –सिहांसन पर बैठा |उसने 272 ई.पू.तक शासन किया |उसके शासन काल के सम्वन्ध में हमे कोई विशेष जानकारी प्राप्त नही हो पाई है |उसने विदेशी राज्यों से मैत्रीपूर्ण सम्वन्ध स्थापित किए यूनानी शासक एंटीओक्स ने उसके दरबार में दिमेक्स को अपना राजदूत बनाकर भेजा| इसी प्रकार मिस्त्र के टाल्मी फिलाडेल्फस द्वितीय ने उसके दरबार में डियोनीसियस को अपना राजदूत बनाकर भेजा |272 ई.पू.में बिंदुसार की मृत्यु हो गई |
- HP Police Recruitment 2024: हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल के 1088 पदों पर भर्ती
- Free Mkan Loan Yojana: घर बनाने के लिए दी जाती है 02 लाख की आर्थिक सहायता
- Free Gas Chulha Yojana: गरीब परिवारों के लिए राहत, फ्री गैस कनेक्शन पाने का सुनहरा मौका! आवेदन करें आज ही!
- Free Computer Course Yojana 2024: सरकार फ्री में करवा रही ये कंप्यूटर कोर्स, सभी युवाओं को मिलेगा इसका लाभ
- Rojgar Loan Yojana 2024: केंद्र सरकार की तरफ से दिया जा रहा 10 लाख तक का लोन