formation of constituent assembly in Hindi | संविधान सभा का निर्माण


formation of constituent assembly in Hindi | संविधान सभा का निर्माण:-


भारत में संविधान के गठन की मांग यद्यपि समय –समय पर उठती रही,परंतु 1935 के कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस कार्यकारणी परिषद् ने इसे अपने कार्यक्रम की महत्वपूर्ण मांग बनाया था |दविततीय विशव युद्ध की समाप्ति के पशचात ब्रिटेन में निर्मित श्रमिक दल की सरंचना दवारा गठित मंत्रिमंडल मिशन ने कांग्रेस की इस मांग को स्वीकार कर लिया था |इस आयोग द्वारा प्रस्तुत योजना को कांग्रेस,मुस्लिम लीग व अन्य भारतीय राजनितिक दलों और सम्प्रदायों द्वारा स्वीकार कर लिया गया था |उस योजना की स्वीकृति प्राप्त होने के पशचात भारतीय सविधान सभा के गठन की प्रक्रीया आरम्भ हो गयी थी |

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संविधान सभा के चुनाव :- लगभग सभी राजनितिक दलों ने मंत्रिमंडल मिशन योजना के अपने –अपने दृष्टिकोण को सम्मुख रखकर स्वीकार कर लिया |जुलाई,1946 को संविधान सभा के चुनाव करवाए गए |मुस्लिम लीग ने भी इन चुनावों में भाग लिया और 78 मुस्लिम स्थानों में से 73 स्थान प्राप्त किए |इन चुनावों में कांग्रेस को अभूतपूर्व सफलता प्राप्त हुई |इस दल ने 210 सामान्य स्थानों में से 199 स्थान प्राप्त किये |शेष 11 स्थान निर्दलीय प्रत्याशीयो और अन्य राजनितिक दलों को प्राप्त हुए |सिक्खोंने पहले चुनाव में भाग न लिया |परंतु बाद में कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा विशवास दिलाने पर कि उनके हित पूर्ण तथा सुरक्षित होगे ,उन्होंने अगस्त ,1946 में अपने चार प्रतिनिधि निर्वाचित किए|

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अल्पसंख्यको को प्रतिनिधित्व :-जिस मंत्रिमंडल मिशन योजना के अधीन संविधान सभा की स्थापना की गयी थी उस योजना ने सिक्खों एवं मुसलमानों के अतिरिक्त किसी अन्य साम्प्रदायको विशेष प्रतिनिधित्व नही दिया था |इस योजना में यह व्यवस्था अवश्य थी कि मौलिक अधिकारों ,अल्पसंख्यको और कबायली क्षेत्रोँ वाली परामर्शकारी समितिया में उन हितो को उचित प्रतिनिधित्व अवश्य दिया जाए तो हित नए संविधान के निर्माण में प्रभावित हो सकते थे |संविधान सभा में ब्रिटिश भारत के कुल 235 स्थानों में 88 स्थान प्राप्त हुए थे|इस तरह संविधान सभा में अल्पसंख्यको का लगभग 37%प्रतिनिधित्व था|

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कुछ वर्गो के प्रतिनिधियों का न होना :- स्वतंत्र भारत की संविधान सभा में साम्यवादी दल को कोई प्रतिनिधित्व प्राप्त नही था|समाजवादी दल हिंदू महासभा को भी यदपि कोई प्रतिनिधित्व नही दिया गया था,परंतु कुछ समाजवादी विचारो बाले सदस्य और हिंदू महासभा के कुछ नेता कांग्रेस की टिकटों पर संविधान सभा के लिए चुने गए थे |कांग्रेस यदपि कमजोर वर्गो ,छोटे किसानो ,भूमिहिन् श्रमिकों और औदयोगिक श्रमिको की रक्षा के प्रति विशेष ध्यान देने पर जोर देती थी,परंतु संविधान सभा में इन वर्गो को विशेष प्रतिनिधित्व नही दिया गया था |

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