ऐसी कहानियां जो आपकी जिंदगी बदल देंगी | Latest Motivational Story Hindi

ऐसी कहानियां जो आपकी जिंदगी बदल देंगी | Latest Motivational Story Hindi

किसी ने मुझसे पूछा motivational story पढ़ने से क्या होता है. मेने जवाब दिया motivational story पढ़ने से हमे दुसरो की गलतियों का पता चलता है ताकि हम गलती ना करे इसलिए ज्यादा से ज्यादा motivational story को पढ़िए.

दोस्तों नमस्कार आप सभी का स्वागत है All Exam Solutions in Hindi में आज मैं आपको ऐसी motivational stories बता रहा हूँ जिसे पढ़ने के बाद आपकी ऊर्जा पहले जैसी नही रहेगी तो चलिए बिना आपका समय गवाये motivational story को शुरू करते है.

ऐसी कहानियां जो आपकी जिंदगी बदल देंगी | Latest Motivational Story Hindi

Motivational Story In Hindi: सफलता का रहस्य – सुकरात

एक बार एक व्यक्ति ने महान Philosopher सुकरात से पूछा कि “सफलता का रहस्य क्या है?” – What is the secret of success?

सुकरात ने उस इंसान को कहा कि वह कल सुबह नदी के पास मिले, वही पर उसे अपने प्रश्न का जवाब मिलेगा।

जब दूसरे दिन सुबह वह व्यक्ति नदी के पास मिला तो सुकरात ने उसको नदी में उतरकर, नदी गहराई की गहराई मापने के लिए कहा।

वह व्यक्ति नदी में उतरकर आगे की तरफ जाने लगा| जैसे ही पानी उस व्यक्ति के नाक तक पहुंचा, पीछे से सुकरात ने आकर अचानक से उसका मुंह पानी में डुबो दिया। वह व्यक्ति बाहर निकलने के लिए झटपटाने लगा, कोशिश करने लगा लेकिन सुकरात थोड़े ज्यादा Strong थे। सुकरात ने उसे काफी देर तक पानी में डुबोए रखा।

कुछ समय बाद सुकरात ने उसे छोड़ दिया और उस व्यक्ति ने जल्दी से अपना मुंह पानी से बाहर निकालकर जल्दी जल्दी साँस ली।

सुकरात ने उस व्यक्ति से पूछा – “जब तुम पानी में थे तो तुम क्या चाहते थे?” व्यक्ति ने कहा – “जल्दी से बाहर निकलकर सांस लेना चाहता था।”

सुकरात ने कहा – “यही तुम्हारे प्रश्न का उतर है। जब तुम सफलता को उतनी ही तीव्र इच्छा से चाहोगे जितनी तीव्र इच्छा से तुम सांस लेना चाहते है, तो तुम्हे सफलता निश्चित रूप से मिल जाएगी।”

दुनिया पागलो ने बदली है Motivational Story In Hindi

आपने सही पढ़ा
दुनिया पागलो ने बदली है।
जिस जिस पे जग हंसा है,
उसी ने इतिहास रचा है।
जानना चाहते हो तो पढिये,
एक शक्श था।
बोला,

कांच में से रोशनी पैदा करूँगा,
motivational story in hindi
किसने विश्वास किया होगा उसकी इस बात पर
आपको क्या लगता है,
जब उसने लोगो को बताया होगा कि ऐसा हो सकता है,तो लोगो ने क्या कहा होगा
हाँ हमको भी लगता है।
नही sir
हंसे होंगे लोग उस पर
कैसा आदमी है,पागल गधा
और जब करके दिखा दिया तो लोगो को विश्वास हो गया
थॉमस अल्वा एडिसन
1093 पेटेंट है, साहब उसके नाम और क्या जिया होगा वो
500 साल ?
नही एक avg life

आज भी घर मे जो invertor लगा है
Patented by थॉमस एडिसन
लेकिन इसके पीछे सालो की मेहनत लगी होगी
बिजली का meter सोचो
कैसे measure करता होगा लाइट को की कितना unit निकला,
हमे सिर्फ result दिखाई देते है,इसके पीछे लगी सालो की मेहनत नही दिखाई देती।
एक और example देखो
एक ओर शक्श था
बोलता था,
तरंगों से बात की जा सकती है
उस पर भी दुनिया हंसी होगी दोस्तों
लेकिन उनको भरोसा था खुद पर
और कर दिखाया

ग्राहम बेल
टेलीफोन का आविष्कार किया था ।
दोस्तों इन बातों का मकसद सिर्फ इतना है कि
पागलों ने ही दुनिया को बदला है
समझदार लोग आज भी बैठकर खामियां ही ढूंढते होंगे,
अगर आप भी ऐसा कोई काम कर रहे हो, जिसमे आपको कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है,
तो ये समझ लो दुनिया बदलने वाला काम कर रहे हो।
अब तो आपको मेरी इस बात पर विश्वास हो गया होगा कि,
दुनिया पागलो ने ही बदली है।

आसानी से आदते बदलो | Change Bad Habits – Motivational Story In Hindi | ऐसी कहानियां जो आपकी जिंदगी बदल देंगी

आज आपको एक ऐसी कहानी के बारे में बताऊंगा जिसको सुनकर आप अपनी आदतों को बदल सकते हो

यानी की आदतों को बदलना कितना कठिन होता है। आदतों को बदलना कितना मुश्किल काम है लेकिन उनको बदला जा सकता है सही समय पर अगर हम चेत जाए तो

लेकिन, किस तरह से आदतों को बदला जा सकता है यह तो आपको कहानी खत्म होने के बाद ही पता चल पाएगा तो आपका ज्यादा वक्त ना लेते हुए मैं इस कहानी को शुरू करता हूँ…

एक बार की बात है एक पिता अपने पुत्र की आदतों से बहुत परेशान था। उसे समझाया करते थे कि बेटा तुम्हारी आदत से मैं बहुत परेशान हूं। अब तुम बड़े हो गए हो प्लीज अपनी आदत को सुधार लो,लेकिन बेटा हमेशा बोलता गया अभी तो मैं छोटा हूं

जब मैं बड़ा हो जाऊंगा तो मैं इस आदत को सुधार लूंगा। लेकिन, अभी गांव में एक विख्यात महात्मा आए हुए थे। इस परेशान पिता को उनकी ख्याति के बारे में पता चला तो वे उनके चरणों में चले गए। महात्मा ने कहा कि आप मुझे कल शाम को बगीचे में मिलो और साथ में अपने पुत्र को भी लेकर के आओ उसने ऐसा ही किया।

जब शाम को बगीचे में पुत्र के साथ पिता भी आए तो, पुत्र ने महात्मा जी को नमन किया और महात्मा जी ने कहा आओ बालक मेरे साथ चलो। चलते चलते एक छोटा सा पौधा महात्मा जी को दिखाई दिया।

उन्होंने बालक से कहा कि बालक तुम इस पौधे को उखाड़ सकते हो बच्चे ने कहा बिल्कुल।
इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। बालक ने फटाफट पौधे को उखाड़ दिया महात्मा जी आगे बढ़े

अबकी बार पौधा थोड़ा बड़ा था। लेकिन महात्मा जी ने कहा क्या तुम इस पौधे को भी उखाड़ सकते हो?

बच्चे के अंदर जोश था बिल्कुल मैं इसको उखाड़ सकता हूं
थोड़ी मेहनत उसको लगी। लेकिन अंततः पौधा उखाड़ दिया।

अभ्यास का महत्त्व – Motivational Story In Hindi | ऐसी कहानियां जो आपकी जिंदगी बदल देंगी

प्राचीन समय में विद्यार्थी गुरुकुल में रहकर ही पढ़ा करते थे।. बच्चे को शिक्षा ग्रहण करने के लिए गुरुकुल में भेजा जाता था। बच्चे गुरुकुल में गुरु के सानिध्य में आश्रम की देखभाल किया करते थे. और अध्ययन भी किया करते थे।

वरदराज को भी सभी की तरह गुरुकुल भेज दिया गया। वहां आश्रम में अपने साथियों के साथ घुलने मिलने लगा।

लेकिन वह पढ़ने में बहुत ही कमजोर था। गुरुजी की कोई भी बात उसके बहुत कम समझ में आती थी। इस कारण सभी के बीच वह उपहास का कारण बनता है।

उसके सारे साथी अगली कक्षा में चले गए लेकिन वो आगे नहीं बढ़ पाया।
गुरुजी जी ने भी आखिर हार मानकर उसे बोला, “बेटा वरदराज! मैने सारे प्रयास करके देख लिये है। अब यही उचित होगा कि तुम यहां अपना समय बर्बाद मत करो। अपने घर चले जाओ और घरवालों की काम में मदद करो।”

वरदराज ने भी सोचा कि शायद विद्या मेरी किस्मत में नहीं हैं। और भारी मन से गुरुकुल से घर के लिए निकल गया गया। दोपहर का समय था। रास्ते में उसे प्यास लगने लगी। इधर उधर देखने पर उसने पाया कि थोड़ी दूर पर ही कुछ महिलाएं कुएं से पानी भर रही थी। वह कुवे के पास गया।

वहां पत्थरों पर रस्सी के आने जाने से निशान बने हुए थे,तो उसने महिलाओ से पूछा, “यह निशान आपने कैसे बनाएं।”
तो एक महिला ने जवाब दिया, “बेटे यह निशान हमने नहीं बनाएं। यह तो पानी खींचते समय इस कोमल रस्सी के बार बार आने जाने से ठोस पत्थर पर भी ऐसे निशान बन गए हैं।”

वरदराज सोच में पड़ गया। उसने विचार किया कि जब एक कोमल से रस्सी के बार-बार आने जाने से एक ठोस पत्थर पर गहरे निशान बन सकते हैं तो निरंतर अभ्यास से में विद्या ग्रहण क्यों नहीं कर सकता।

वरदराज ढेर सारे उत्साह के साथ वापस गुरुकुल आया और अथक कड़ी मेहनत की। गुरुजी ने भी खुश होकर भरपूर सहयोग किया। कुछ ही सालों बाद यही मंदबुद्धि बालक वरदराज आगे चलकर संस्कृत व्याकरण का महान विद्वान बना। जिसने लघुसिद्धान्‍तकौमुदी, मध्‍यसिद्धान्‍तकौमुदी, सारसिद्धान्‍तकौमुदी, गीर्वाणपदमंजरी की रचना की।

शिक्षा(Moral):
दोस्तो अभ्यास की शक्ति का तो कहना ही क्या हैं।. यह आपके हर सपने को पूरा करेगी। अभ्यास बहुत जरूरी है चाहे वो खेल मे हो या पढ़ाई में या किसी ओर चीज़ में। बिना अभ्यास के आप सफल नहीं हो सकते हो। अगर आप बिना अभ्यास के केवल किस्मत के भरोसे बैठे रहोगे, तो आखिर मैं आपको पछतावे के सिवा और कुछ हाथ नहीं लगेगा। इसलिए अभ्यास के साथ धैर्य, परिश्रम और लगन रखकर आप अपनी मंजिल को पाने के लिए जुट जाए।

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