Apna Kaam Khud Karo Motivational Story In Hindi
किसी ने मुझसे पूछा motivational story पढ़ने से क्या होता है. मेने जवाब दिया motivational story पढ़ने से हमे दुसरो की गलतियों का पता चलता है ताकि हम गलती ना करे इसलिए ज्यादा से ज्यादा motivational story को पढ़िए.
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दोस्तों नमस्कार आप सभी का स्वागत है All Exam Solutions in Hindi में आज मैं आपको ऐसी motivational stories बता रहा हूँ जिसे पढ़ने के बाद आपकी ऊर्जा पहले जैसी नही रहेगी तो चलिए बिना आपका समय गवाये Apna Kaam Khud Karo (अपना काम खुद करो) motivational story को शुरू करते है
1. Apna Kaam Khud Karo Motivational Story In Hindi – अपना काम खुद करो
Apna Kaam Khud Karo (अपना काम खुद करो) – मनुष्य हो या फिर कोई पशु पक्षी अपने काम को हमें स्वयं करना चाहिए क्योकि जब हम अपना काम किसी दूसरे के भरोसे पर छोड़ देते है तो हमें इस बात का हमेशा शक रहता है कि वह काम समय पर पूरा होगा भी या नहीं और अगर होगा भी तो सही ढंग से होगा या नहीं।
इसीलिए कहा गया है कि कुछ भी हो जाये उस काम को अपने आप ही करना चाहिए जो बहुत ज्यादा जरुरी हो और जिसके ना होने पर नुक्सान होने का डर हो।
किसी गांव में एक किसान था वह बहुत किसानो में से एक था उसके पास बहुत सारा खेत था उसने अपने सारे खेत में धान का फसल लगाया था। ठंडी का दिन था किसान के एक खेत में फसलों के बिच में एक चिड़िया ने अपना घोसला बना रखा था उस चिड़िया के दो छोटे छोटे बच्चे थे वे अभी उड़ने योग्य नहीं हुए थे क्योकि उसके बच्चे की पंख अभी पूरी तरह मजबूत नहीं हुए थे। चिड़िया दिनभर घूम घूमकर उनके लिए खाना लती थी जिससे उन बच्चो का पेट भर सके।
एक दिन दोपहर के समय किसान अपने खेत गया और खेत में लगे फसल की ओर देखा और बोला “अब सारी फसल तैयार हो गयी है और काटने लायक हो गयी है कल ही मजदूरों को बोलकर फसल की कटाई करवा देता हूँ”
किसान की बाते सुनकर चिड़िया के बच्चे घबड़ा गए। शाम के वक्त जब चिड़िया अपने बच्चो के लिए खाना लेकर आयी तो देखती है की उसके दोनों बच्चे एकदम से घबराये हुए थे। वह अपने दोनों बच्चो को गले लगाकर पूछा क्या हुआ तुम दोनों इतने घबड़ाये हुए क्यों हो।
तब बच्चो ने बताया की आज इस खेत का मालिक यहाँ आया हुआ था वह घूम घूमकर खेत देख रहा था और कह रहा था की फसल तैयार हो गयी है और मजदूर को बोलकर फसल कटवा लेनी चाहिए।
बच्चो ने कहा माँ हम अभी उड़ने लायक भी नहीं हुए है अब हमारा क्या होगा। तब चिड़िया बच्चो से कहा अभी हमें डरने की कोई बात नहीं है फसल अभी नहीं कटेगी।
पांच दिन बीत गए सातवे दिन किसान फिर खेत में गया। फसल देखकर बोला फसल काटने के लिए मजदूर अभी तैयार ही नहीं हो रहे है हर कोई बहाना बना रहे है कोई बात नहीं कल मैं अपने भाईयो को लेकर आऊंगा और फसल कटाऊंगा।
उसी दिन शाम को जब चिड़िया अपने बच्चो के लिए खाना लेकर आती है तो बच्चो ने किसान के कहे हुए सारी बात बताई। चिड़िया फिर से उनसे बोली बच्चो डरने की कोई बात नहीं है, अभी फसल नहीं कटेगी। फिर चार दिन बीत गए।
पाचवे दिन जब चिड़िया शाम के वक्त अपने बच्चो के लिए दाना लेकर लौटी तो बच्चो ने उससे बताया की माँ आज फिर किसान खेत आया था और कह रहा था की फसल काटने के लिए भाई लोग आज नहीं कल कह रहे है फसल तैयार हो गया है और अगर कल फसल नहीं कटेगी तो फसल ख़राब होने लगेगी। ऐसा करता हूँ अब मैं ही कल सुबह से कटाई का काम सुरु करुँगा।
बच्चो की इतनी बात सुनते ही चिड़िया ने कहा की अब हमें यहाँ से दूसरी जगह जाने के लिए तैयार होना पड़ेगा अब हमारा यहाँ रुकना बिलकुल भी ठीक नहीं है। बच्चो ने अपने माँ से पूछा वह किसान इतना बड़ा खेत अकेले कैसे काटेगा, मजदूर और उनके भाई लोग नहीं आ रहे है तो हमें डरने की क्या बात है।
इसपर चिड़िया ने कहा देखो बच्चो यहाँ हमें एक सिख मिलती है अभी वह दूसरे के भरोसे था अब वह स्वयं अकेले खेत काटने का विचार बना लिया है और जो लोग अपना काम स्वयं करते है उन्ही का काम पूरा होता है मतलब की वही काम ठीक समय पर होता है जो खुद के भरोसे पर किया जाये या स्वयं किया जाये इसलिए अपना काम स्वयं ही करना चाहिए।
अब तुम लोग चलो और तुम्हारे पंख भी मजबूत हो गए है और तुम उड़ भी सकते हो यह कहकर चिड़िया अपने बच्चो के साथ उड़ गयी।
2. लोग क्या सोचेंगे ये सोचना बंद करो
किसी ने बड़ी कमाल की बात कही है की फर्क इससे नहीं पड़ता की लोग आपको तोडना चाहते है फर्क इससे पड़ता है की आप क्या चाहते है।
एक गाँव में दो बच्चो की दोस्ती हो गयी एक बच्चा आठ साल का था और दूसरा दस साल का, दोनों बच्चो की दोस्ती दिन प्रतिदिन मजबूत होती जा रही थी। दोनों साथ में स्कूल पढ़ने के लिए जाते थे, खेलने के लिए जाते थे। एक दिन दोनों बच्चे गेंद से खेल रहे थे और साथ खेलते-खेलते गाँव से दूर निकल गए और एक सुनसान इलाके में पहुंच गए।
उस गाँव से बाहर एक बहुत ही पुराना कुआ था जो की सुख चूका था और उनकी गेंद उस पुराने कुएँ में जाकर गिर गयी। अब जो दस साल का बच्चा था वो बोला की रुको मैं गेंद निकालता हूँ और इसी हड़बड़ाहट और जल्दीबाज़ी में वह कुएँ में गिर गया। गेंद तो निकली नहीं बल्कि वह बच्चा भी कुएँ में चला गया।
अब छोटा बच्चा जो की बाहर खड़ा था वह घबड़ा गया वह सोचा की अब क्या होगा, घर वाले तो मुझे वहुत मारेंगे-डाटेंगे, इसकी जान चली जाएगी, यह बच नहीं पायेगा, उसके मन में ऐसी बहुत सी उलटे-उलटे निगेटिव ख्याल आ रहे थे।
अंदर से बच्चा चिल्ला रहा था बचाओ-बचाओ और इधर से बाहर खड़ा बच्चा चिल्ला रहा था बचाओ-बचाओ लेकिन सुनसान जगह के कारण इनकी कोई आवाज नहीं सुन रहा था दूर-दूर तक कोई दिख नहीं रहा था। छोटा बच्चा दौड़ कर इधर-उधर घूम कर देख लिया लेकिन कोई नहीं दिख रहा था।
अब अंदर पड़े बच्चे का गला चिल्लाने के कारण सुखता जा रहा था, आवाज नहीं निकल रही थी, साँसे फुल रही थी और आस पास में पानी भी नहीं मिल रहा था समझ नहीं आ रहा था की क्या करे।
तभी उसको दूर झाड़ी के पास एक रस्सी और बाल्टी दिखाई दी वह बच्चा दौड़ कर गया और लेकर के आ गया उसने रस्सी से वह बाल्टी बाँधी और रस्सी निचे कुएँ में फेंक दी और उस दस साल के लड़के से कहने लगा की आ जाओ ऊपर मैं तुम्हे खींचता हूँ।
अंदर पड़ा लड़का कहने लगा की पागल तो नहीं हो गए हो, तुम भी गिर जाओगे तुम मुझे नहीं खींच सकते ये नहीं हो सकता। उस आठ साल के लड़के ने कहने लगा की नहीं मैं कर के दिखाऊंगा तुम बाल्टी पकड़ो और ऊपर आ जाओ।
उस आठ साल के बच्चे ने अपनी पूरी जान लगा दी उसका गला सुख चूका है, प्यास लग रही है, हालत ख़राब है लेकिन उसके बावजूद उसने उस रस्सी को अपने पुरे दम से खींचा और उस दस साल के लड़के को बाहर निकाल दिया।
अब उस बच्चे को निकलते–निकलते रात हो गयी थी अब वो दोनों बच्चे गाँव की तरफ जा रहे थे जब दोनों गाँव में पहुंचे तो भीड़ इक्क्ठी हो गयी थी उन दोनों के माता पिता रो रहे थे, गाँव वाले कह रहे थे की बच्चे मिल जायेंगे बच्चे मिल जायेंगे लेकिन मिले कही नहीं तो सब परेशान थे। इन दोनों बच्चो को जब गाँव की तरफ आते हुए देखा तो लोग खुश हो गए की मिल गए दोनों बच्चे।
अब लोग दोनों बच्चे से पूछने लगे की कहा गए थे इन बच्चो को समझ नहीं आ रहा था की क्या बोले सोचे सच बोले तो मार पड़ेगी की इतनी दूर चले गए कुएँ में गिर गए और अगर झूठ बोले तो क्या बहाना मारे दिमाग काम नहीं कर रहा था ऐसे हालात थे और दिन भर से परेशान भी थे।
अब इन दोनों ने सच बोल दिया छोटे बच्चे ने कहा की ये कुएँ में गिर गए थे तो मैंने रस्सी से खींच कर बाहर निकाल दिया। अब जैसे ही ये बोला तो लोग हसने लगे की तुम पागल हो क्या तुमसे एक बाल्टी पानी नहीं खींचती और तुम दस साल के बच्चे को खींच कर बाहर निकाल दिया लोग उन बच्चो का मजाक उड़ाने लगे।
तभी गाँव के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति जो वहा के सरपंच थे उन्होंने कहा की ये बच्चे सच बोल रहे है ये वाकई में दस साल के बच्चे को खींचकर बाहर निकाल दिया।
अब इसके दो कारण है पहली बात तो ये की इसके पास और कोई विकल्प नहीं था इसे मालूम था की इसे बाहर नहीं निकाला तो ये मर जायेगा और दूसरी बात इसके आस पास में कोई ये कहने वाला नहीं था की तुझसे नहीं होगा इसलिए ये बच्चे सच बोल रहे है।
अगर जीवन में आप Success पाना चाहते है तो ये बाते याद रखियेगा। पहला आपके पास कोई ऑप्शन नहीं बचा है आपको उस काम को करके ही दिखाना है और दूसरा जब आस पास के लोग कहने लगे की तुमसे नहीं होगा तो बहरे बन जाओ उनकी बातो को मत सुनो।
आज की कहानी से मैं आपसे यही कहना चाहूंगा की कर दिखाओ कुछ ऐसा की दुनिया करना चाहे आपके जैसा।
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