CBSE Notes for Class 12 Economics Chapter 3 उपभोक्ता संतुलन (Consumer’s Equilibrium) Complete Questions with Answer in Hindi Medium.
क्यू. उपयोगिता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:- किसी वस्तु में आवश्यकता को संतुष्ट करने की शक्ति को उपयोगिता कहते है.
क्यू. कुल उपयोगिता से आप क्या समझते है?
उत्तर:- एक वास्तु की विभिन इकाइयों के उपभोग से प्राप्त होने वाली सीमांत उपयोगिता के जोड़ को कुल उपयोगिता कहा जाता है.
TU = MU1 + MU2 + MU3 + ….. + MUn = ∑MU
क्यू. सीमांत उपयोगिता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:- किसी वास्तु की एक अतिरिक्त इकाई का उपभोग करने से कुल उपियोगिता में होने वाली वृद्धि को सीमांत उपयोगिता कहते है : MU = TUn-TUn-1.
क्यू. सीमांत उपयोगिता से कुल उपयोगिता का आकलन कैसे किया जाता है?
उत्तर:- कुल उपयोगिता, सीमांत उपयोगिता का जोड़ है.
कुल उपयोगिता (TU) = MU1 + MU2 + MU3+…….+ MUn = ∑MU.
क्यू. कुल उपयोगिता से सीमांत उपयोगीता कैसे निकली जाती है?
उत्तर:- nवस्तुओं की सीमांत उपयोगिता (MUn)=n वस्तुओं की कुल उपयोगिता (TUn)-(n-1 ) वस्तुओं की कुल उपयोगिता (TUn-1).
क्यू. जब कुल उपयोगिता अधिकतम होती है तब सीमांत उपयोगिता क्या होती है?
उत्तर:- जब कुल उपियोगिता अधिकतम होती है तो तब सिमिंत उपयोगिता शून्य होती है.
क्यू. जब सीमांत उपयोगिता ऋणात्मक होती है तब कुल उपयोगिता क्या होती है?
उत्तर:-जब सीमांत उपयोगिता ऋणात्मक होती है तो उस स्थिति में कुल उपयोगिता घट रही होती है.
क्यू. जब सीमांत उपयोगिता धनात्मक होती है तब कुल उपयोगिता क्या होती है?
उत्तर:- इस स्थिति में कुल उपयोगिता बढ़ रही होती है.
क्यू. उपभोक्ता के संतुलन की एक शर्त बताइए?
उत्तर:- उपभोक्ता संतुलन को तब प्राप्त करता है जब : MUx/Px = MUm अथवा Px = MUx/MUm
(यहाँ, MUx: वस्तु – X की सीमांत उपयोगिता, Px: कीमत, MUm : मुद्रा की सीमांत उपयोगिता.)
क्यू. मान लो प्रारंभ में उपभोक्ता संतुलन में है. यदि उसकी रुपयों की सीमांत उपियोगिता में वृद्धि हो जाएँ तो इसके परिणामस्वरूप वास्तु की मांग की मात्रा में वृद्धि होगी या कमी?
उत्तर:- वस्तु की मांग की मात्रा में कमी होगी क्योंकि रुपयों की सीमांत उपयोगिता में वृद्धि के अनुरूप वस्तु की सीमांत उपयोगिता में वृद्धि होनी चाहिए. ऐसा तभी संभव है जब वस्तु की मांग की मात्रा में कमी हो.
क्यू. उपभोक्ता संतुलन किसे कहते है?
या
उपभोक्ता का संतुलन क्या होता है?
या
उपभोक्ता संतुलन क्या है?
उत्तर:- उपभोक्ता संतुलन एक ऐसी स्थिति है जिसमे एक उपभोक्ता अपनी सिमित आय को व्यय करके अधिकतम संतुष्टि प्राप्त करता है.
संतुलन की स्थिति में उपभोक्ता अपनी आय को खर्च करने के वर्तमान ढंग में किसी भी प्रकार का परिवर्तन करना पसंद नही करता . इस प्रकार हम यह ख सकते है कि एक उपभोक्ता उस समय संतुलन की अवस्था में होता है जब वह अपने व्यवहार को वतर्मान परिस्थितियों में सबसे अच्छा मानता है तथा उसमे कोई परिवर्तन करना पसंद नहीं करता.
उपभोक्ता संतुलन की परिभाषा:-
सैम्युअलसन के शब्दों में, “एक उपभोक्ता उस समय संतुलन में होता है जब वह अपनी दी हुई आय तथा बाजार कीमतों से प्राप्त संतुष्टि को अशिक्तं कर लेता है.” (The consumer is in equilibrium when hi maximizes his satisfaction given his income and the market prices).
क्यू. उपभोक्ता संतुलन से संबंधित उपयोगिता विश्लेषण
उत्तर:- उपभोक्ता संतुलन का अध्ययन कई विधियों से किया जा सकता है. उसमें ‘उपयोगिता विश्लेषण’ एक प्रमुख विधि है. उपयोगिता की धारणा एस विधि का एक मूल तत्व है. अतः सबसे पहले हम इस तत्व के बारे में जानेगें.
क्यू. उपयोगिता किसे कहते है?
उत्तर:- किसी पदार्थ की वह शक्ति जो हमारी आवश्यकताओं की संतुष्टि को पूरा करती है उपयोगिता कहलाती है.
परिभाषा:-
(i) हिब्डन के अनुसार:- ” उपयोगिता किसी पदार्थ की वह क्षमता है जो आवश्यकताओं को संतुष्ट करती है.”
(ii) लिप्सी के अनुसार:- ” उपयोगिता वह संतुष्टि है जिसे कोई व्यक्ति उपभोग के फलस्वरूप प्राप्त करता है.”
क्यू. कुल उपयोगिता और सीमांत उपयोगिता में संबंध को तालिका एवं चित्र की सहायता से प्रकट करें.
उत्तर:- कुल उपयोगिता और सीमांत उपयोगिता के अंतर और संबंध की व्याख्या जेव्न्स ने की है. इसे निम्न तालिका इमं चित्र के द्वारा प्रकट किया जाता है.
मात्राQ | कुल उपयोगिताTU | सीमांत उपियोगिता MU | वर्णन |
0 | 0 | 8-0=8 | Positive |
1 | 8 | 8-14=6 | Positive |
2 | 14 | 14-18=4 | Positive |
3 | 18 | 18-20=2 | Positive |
4 | 20 | 20-20=0 | Zero |
5 | 20 | 18-20=-2 | Negeative |
6 | 18 |
इस तालिका से निम्न बातें सपष्ट होती अहै:-
(i) वास्तु की अतिरिक्त इकाई का उपभोग करने से उससे मिलने वाले सीमांत उपयोगिता कम हो जाती है. और कुल उपयोगिता बढती जाती है. वस्तु की चार मात्राओं से प्रकट हो रहा है.
(ii) वस्तु की पांचवी इकाई से मिलने वाली सीमांत उपयोगिता शून्य है. जब कुल उपयोगिता सबसे अधिक होती है तो सीमांत उपयोगिता शून्य हो जाती है.
(iii) वास्तु की छठवी मिलने वाली इकाई में सीमांत उपयोगिता ऋणात्मक है.
क्यू. कुल उपियोगिता और सीमांत उपयोगिता की धारणाएँ
उत्तर:- ये निम्न प्रकार की होती है:-
(i) कुल उपयोगिता:- किसी वास्तु की विभिन्न मात्राओं का उपयोग करने से प्राप्त उपोगिता की इकाइयों के जोड़े को कुल उपयोगिता कहते है.
(ii) सीमांत उपयोगिता:- इसका प्रतिपादन जेवन्स ने किया था. इससे अंतिम उपयोगिता भी करते है. किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई का उपभोग करने से कुल उपयोगिता में जो अंतर आता है उसे सीमांत उपियोगिता कहते है.
क्यू. उपयोगिता की धारणाएँ बताइए?
उत्तर:- ये निम्न प्रकार की होती है:-
i) कुल उपयोगिता:-
किसी वस्तु की भिन्न मात्राओं का उपभोग करने से प्राप्त उपोगिता की इकाइयों के जोड़े को कुल उपयोगिता कहते है.
ii) सीमांत उपयोगिता:- इसका प्रतिपादन जेवन्स ने किया था. इसे अंतिम उपयोगिता भी कहते है. किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई का उपभोग करने से कुल उपयोगिता में जो अंतर आता है उसे सीमांत उपयोगिता कहते है.
क्यू. उपभोक्ता संतुलन की मान्यताएं बताइए|
उत्तर:- उपभोक्ता संतुलन से संबंधित कुछ विशेष मान्यताएं:-
ये निम्न प्रकार से है:-
i) विचारवान उपभोक्ता:-
विचारवान उपभोक्ता उस उपभोक्ता को कहते है जो अपनी सिमित आय से अधिकतम संतुष्टि पाप्त करना चाहता है.
ii) गणनावाचक उपियोगिता:-
प्रत्येक वास्तु से प्राप्त होने वाली उपयोगिता को गणनावाचक संख्या जैसे:- 1, 2, 3, 4 आदि में मापा जाता है.
iii) प्रत्येक वास्तु से प्राप्त होने वाली उपयोगिता स्वतंत्र होती है:-
एक उपभोक्ता किसी वास्तु से जो उपयोगिता प्राप्त करता है वह उसी वस्तु की मात्रा पर निर्भर करती है उस पर दूसरी वस्तुओं से प्राप्त उपयोगिता का कोई प्रभाव नही पड़ता .
iv) मुद्रा की सीमांत उपयोगिता स्तिर है:-
उपयोगिता को मापने का पैमाना मुद्रा को माना गया है जिस प्रकार दुसरे पैमानों का मूल्य स्थिर रहता है इसी प्रकार मुद्रा की प्रत्येक इकाई से प्राप्त होने वाली उपयोगिता भी स्थिर रहनी चाहिए.
v)उपभोक्ता की रूचि स्थिर रहती है:-
उपभोक्ता की रूचि स्थिर रहती है. रूचि शब्द का प्रयोग विस्तृत अर्थों में किया गया है. इसके अंतर्गत जलवायु , प्रकृति आदि को सम्मिलित किया जाता है.
vi) आय तथा कीमत स्थिर रहती है:-
इस विश्लेष्ण की यह मान्यता है कि उपभोक्ता की आय तथा वस्तुओं की कीमते स्थिर रहती है.
vii) पूर्ण ज्ञान:-
उपभोक्ता को पूर्ण ज्ञान है कि वह अपनी आय को कौन-2 सी वस्तुओं पर खर्च कर सकता है तथा उस खर्चे से उसे कितनी उपयोगिता प्राप्त होती है.
क्यू. एक वास्तु की स्थिथि में उपभोक्ता के संतुलन की व्याख्या करें.
उत्तर:- इसमें उपभोक्ता एक वास्तु को खरीदता है और उससे अपनी अधिकतम संतुष्टि को प्राप्त करता है. उपभोक्ता के द्वारा किसी वास्तु को खरीदना निम्न तीन तत्वों पर निर्भर करता है.
i. वास्तु की कीमत .
ii. वस्तु की सीमांत और कुल उपयोगिता.
iii. मुद्रा की सीमांत उपयोगिता:-
इससे अभिप्राय उपभोक्ता के लिए एक रूपये के बराबर के मूल्य से होता है. एक वास्तु की स्थिति में उपभोक्ता के संतुलन की मान्यता या शर्ते.
Px = MUx/MUm.
एक वास्तु की स्थिथि में उपभोक्ता के संतुलन को निम्न चित्र द्वारा प्रकट किया जाता है.
Consumer’s Equilibrium
क्यू. दो वास्तु या अधिक की स्थिति में उपभोक्ता के संतुलन की व्याख्या करे.
उत्तर:- एक उपयोगिता अपनी आय में जब दो वस्तुओं x और y को खरीदता है तो वह संतुलन को प्राप्त करता है. मान लीजिये वास्तु x की स्थिथि में निम्न प्रकार से वह संतुलन प्राप्त करता है.
i) MUx/Px = MUm इसी प्रकार वस्तु y के लिए उपभोक्ता संतुलन की स्थिति को निम्न प्रकार से प्राप्त करता है.
ii)MUy/Py = MUm जब उपभोक्ता दोनों वस्तुओं को x और y को खरीदता है तो समीकरण निम्न प्रकार से बनता है.
iii)MUx/Px = MUy/Py = MUm उपभोक्ता के संतुलन को x और y दोनों वस्तु की स्थिति में चित्र के द्वारा प्रकट किया जाता है.
Consumer’s Equilibrium
क्यू. उपयोगिता के नियम बताइए?
उत्तर:- ये निम्न प्रकार से होते है:-
i) हस्यमान सीमांत उपयोगिता:-
यह वह नियम होता है जिसके अनुसार जैसे-2 एक व्यक्ति के पास किसी वस्तु का स्टोक बढ़ता है वैसे-2 एक सीमा के पश्चात् उसकी अतिरिक्त इकाइयों से मिलने वाली सीमांत उपयोगिता घटती जाती है.
ii) सम सीमांत उपयोगीता का नियम:-
यह वह नियम होता है जिसके अनुसार एक उपयोगिता अपनी संतुष्टि को प्राप्त करने के लिए अपनी आय को इस प्रकार व्यय करेगा की प्रत्येक वस्तु पर खर्च की गयी अंतिम इकाई से उसे समान सीमांत उपयोगिता प्राप्त हो.
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