Why Samudragupta is called Indian Napoleon? समुद्रगुप्त को ‘भारतीय नेपोलियन’ क्यों कहा जाता है ? All Exam Online

Why Samudragupta is called Indian Napoleon? समुद्रगुप्त को ‘भारतीय नेपोलियन’ क्यों कहा जाता है ?

क्यू. समुद्रगुप्त को ‘भारतीय नेपोलियन’ क्यों कहा जाता है ?

Why Samudragupta is called Indian Napoleon?

उत्तर :- समुद्रगुप्त की महान विजयो के कारण इतिहासकार उसे भारतीय नेपोलियन का नाम देते है. वह नेपोलियन की भांति एक पराक्रमी विजेता था. जिस प्रकार नेपोलियन ने अपनी सैनिक शक्ति से समस्त यूरोप को भयभीत कर दिया था उसी प्रकार समुद्रगुप्त ने अपने सैनिक अभियानों से लगभग सारे भारत में अपना दबदबा बैठा लिया था. अपने विजयी जीवन में उसे न कभी ‘ट्राफाल्गार, तथा ‘वाटरलू’ जैसी पराजय का सामना करना पड़ा और न ही उसे आजीवन कारावास का दंड मिला. समुद्रगुप्त के महान कार्यो को देखते हुए डॉ. वी. ए. स्मिथ ने ठीक ही कहा है,” समुद्रगुप्त वास्तव में एक प्रतिभाशाली व्यक्ति था जो भारतीय नेपोलियन कहलाने का अधिकारी है |”

क्यू. कलिंग युद्ध के परिणाम लिखो |

अथवा

कलिंग युद्ध और उसके प्रभाव पर टिप्पणी लिखिए ?

कालिंग के युद्ध का अशोक पर क्या प्रभाव पड़ा ?

उत्तर :- कलिंग युद्ध –राजतिलक के बाद अशोक ने अपने साम्राज्य का विस्तार करने की नीति अपनाई. चंद्रगुप्त मौर्य की दक्षिण विजय अधूरी रह गई थी, क्योंकि कलिंग का राज्य अभी तक स्वतंत्र था. अत: अशोक ने कलिंग को विजय करने का निशचय किया और 261 ई. पू. में एक विशाल सेना के साथ कलिंग पर आक्रमण कर दिया. कलिंग के राजा के पास भी एक विशाल सेना थी. मैगस्थनीज के अनुसार उसकी सेना में 60 हजार पैदल, एक हजार घुड़सवार तथा 700 हाथी थे. अशोक और कलिंग के राजा के बीच भयंकर युद्ध हुआ. इस युद्ध में अशोक की जीत हुई |

परिणाम /प्रभाव :-

कलिंग युद्ध के बड़े भयंकर परिणाम निकले. युद्ध में एक लाख व्यक्ति मारे गए और लगभग डेढ़ लाख व्यक्ति बंदी बनाए गए. इससे अधिक व्यक्ति महामारी के कारण मर गए. कलिंग की गलियाँ रक्त और लाशों से भर गई. अशोक ने जब यह मार्मिक दृश्य देखा तो उसका मन तडप उठा. फलस्वरूप अशोक का जीवन ही वदल गया. उसके जीवन में एक ऐसी क्रांति आई कि वह कठोर राजा से एक दयालु सम्राट बन गया |

संक्षिप्त में उस युद्ध के कारण अशोक के जीवन में अग्रलिखित परिवर्तन हुए :-

1.बौदध बनना :-

कलिंग के युद्ध में हुए रक्तपात ने अशोक को शांतिप्रय बना दिया. वह बौदध धर्म का अनुयायी बन गया, क्योंकि इस धर्म का अहिंसा सम्बन्धी सिद्धांत उसे युदधो से दूर रख सकता था|

2. अहिंसा का अनुसरण :-

अशोक के दिल में युदध का स्थान ‘अहिंसा’ ने ले लिया. उसने मांस खाना और शिकार खेलना बंद कर दिया |

3. बौदध धर्म का प्रचार :-

अशोक ने अब बौदध धर्म का प्रचार करना आरंभ कर दिया. उसने इसे राजधर्म बनाया. उसने बौदध भिक्षुओ के लिए मठ तथा विहार बनवाए और बौदध-धर्म की शिक्षाओ को स्तंभो पर खुदवाया. अशोक ने बौदध-धर्म के प्रचार के लिए विदेशों में प्रचारक भेजे. इस प्रकार बौदध धर्म एक विशव विख्यात धर्म बन गया |

Class 12 History Notes Chapter 2

Rise and Expansion of Magadha Empire

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